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स्कूल बसों के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर स्कूल प्रबंधन की होगी सम्पूर्ण जबावदेही : कलेक्टर दीपक आर्य ने जारी किए निर्देश

 

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ नए शिक्षण सत्र में स्कूली बच्चों के सुरक्षित परिवहन तथा संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने सभी स्कूलों तथा बस संचालकों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि स्कूल बसों के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्पूर्ण जबावदेही स्कूल प्रबंधन की होगी।

कलेक्टर दीपक आर्य ने जिले के सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदानप्राप्त, सीबीएसई, आईसीएससी, मदरसे संस्थाएं, समस्त नर्सरी, प्राथमिक- माध्यमिक- हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय के संचालक व प्राचार्य को परिपत्र भेज कर उक्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इस संबंध में उन्होंने निर्देशित किया है कि स्कूल बसों का क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है एवं परिवहन नियमों व मापदण्डों का पालन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सभी स्कूल बसों का पीला रंग हो तथा बसों पर स्कूल का नाम स्पष्ट लिखा हो। प्रत्येक वाहन में आपातकालीन द्वार एवं वाहन में भरोसेमंद लॉक होना अनिवार्य किया गया है।

कलेक्टर दीपक आर्य अपने निर्देश में आगे कहा है कि बस में प्रेशर हॉर्न या मल्टीटोन हॉर्न न हो किन्तु अलार्म होना जरूरी है। बसों के ड्राइवर एवं अटेंडर का पुलिस वेरिफिकेशन कराकर उनके दस्तावेजों का संधारण करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी, जिसे समय-समय पर संबंधित थाना पुलिस को उपलब्ध कराया जावे। स्कूल बस वाहन चालक का पूर्व में किसी प्रकार का आपराधिक रिकार्ड न रहा हो तथा उस ने पूर्व में किसी प्रकार से भी यातायात नियमों का उल्लंघन न किया हो, उक्त मापदंडों की पूर्ति करने पर ही स्कूल बसों के संचालन हेतु वाहन चालक नियुक्ति की जावें।

कलेक्टर दीपक आर्य ने यह भी निर्देशित किया है कि सप्ताह में दो बार स्कूल द्वारा बस प्राइवेट वेन मैजिक एवं अन्य वाहन जो बच्चों को स्कूल आवागमन में उपयोग होते है, उनकी जांच सुनिश्चित हो। बसों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे दो दरवाजें स्पीड गवर्नर एवं फर्स्ट एण्ड किट, (जो कि एक्सपायर्ड न हो) अग्निशामक यंत्र होना अनिवार्य रूप से होना चाहिए। गैस से चलने वाले वाहनों को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल आने-जाने हेतु आवागमन के सभी वाहनों का संचालन अवैध रूप से लगी हुई गैसकिट से न हो यह सुनिश्चित किया जावे। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए की बच्चों को स्कूल आने-जाने हेतु सभी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे न बैठे तथा स्कूलों के सामने जेबरा क्रॉसिंग, स्पीड ब्रेकर, एवं साइन बोर्ड आदि लगे हो तथा ट्रेफिक व्यवस्था व नियमों का पालन हो रहा हो। सभी वाहनों में बच्चों को बैग रखने के लिए रेक आदि की व्यवस्था हो तथा बच्चों के बस से उतरते चढ़ते समय चेतावनी वाली पार्किंग लाइट कियाशील होना चाहिए। स्कूल बस की गति 40 प्रति किमी प्रति घंटा से अधिक न हो।

कलेक्टर दीपक आर्य ने स्कूल संचालकों एवं प्राचार्य को जारी किए गए आदेश में कहा है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट कमेटी, ऑन रोड सेफ्टी एवं बाल संरक्षण आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए बिना पुलिस वैरीफिकेशन के स्कूल बसों के संचालन हेतु वाहन चालकों की नियुक्ति के संबंध में जारी निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें। तत्संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्पूर्ण जबावदेही स्कूल प्रबंधन की होगी।

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