सीपीआर प्रशिक्षण : सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं , यह एक प्रक्रिया है

जबलपुर, यशभारत। पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की पहल पर आज शनिवार को समस्त पुलिस इकाइयों में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जबलपुर जोन, उमेश जोगा,उप पुलिस महानिरीक्षक आर.आर. सिंह परिहार, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा की उपस्थित में सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जानकारी अनसुार आज पुलिस लाइन में जबलपुर रक्षित निरीक्षक कार्यालय में प्रात: 11 बजे से पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डॉक्टरों की टीम के द्वारा सीपीआर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस अवसर पर चिकित्सकों विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि सीपीआर या कृत्रिम श्वसन को सीधे शब्दों में कहें तो कई बार व्यक्ति की अचानक सांस रुक जाती है या फिर कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति में सांस नहीं आती है तो इस अवस्था में सीपीआर दिया जाता है। जिसकी वजह से लोगों की जान बचाई जा सकती है। एक तरह से सीपीआर में बेहोश व्यक्ति को सांसें दी जाती हैं, जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलती है। साथ ही इससे शरीर में पहले से मौजूद ऑक्सीजन वाला खून संचारित होता रहता है। इस अवसर पर बड़ेरिया अस्पताल के डॉक्टर अरविंद जैन सहित अनेक चिकित्सकों ने जारकारी मुहैया कराईं।
ऐसे दी जाती है सीपीआर
इस दौरान बताया गया कि सीपीआर कोई दवा या इंजेक्शन नहीं है। यह एक तरह की प्रक्रिया है, जिसे मरीज के शरीर पर इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति की सांस रुक जाने पर सांस वापस लाने तक या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक छाती को दबाया जाता है, जिससे शरीर में पहले से मौजूद खून संचारित होने लगता है। साथ ही इस प्रक्रिया में मरीज के मुंह में मुंह से सांस भी दी जाती है। इस दौरान एएसपी संजय अग्रवाल, समर वर्मा, प्रदीप शेंडे सहित सभी सीएसपी, थाना प्रभारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्डियो पलमोनरी रिस्यूसिटेशन सिस्टम से बचाई जा सकती है जान
जीआरपी लाइन में सीपीआर शिविर का आयोजन
जीआरपी पुलिस लाइन जबलपुर मैं सीपीआर के संबंध में शिविर का आयोजन, आज दोपहर सीपीआर अर्थात किसी भी व्यक्ति की उस परिस्थिति में जान बचाने की प्रक्रिया को कार्डियो पलमोनरी रिस्यूसिटेशन सिस्टम के माध्यम से जान बचाई जा सकती है यह समस्या आर्ट अटैक के समय ,करंट लगने के समय पानी में डूबने के बाद और भी कई कारणों से उत्पन्न होती है, तो प्राथमिक रूप से प्राथमिक उपचार बतौर यह कार्रवाई की जाती है, ट्रेन में यात्रा करते समय किसी भी यात्री को यह समस्या उत्पन्न हो सकती है,इसी समस्या के निदान के लिए आज शिविर आयोजित किया गया यह जानकारी शिविर में गैलेक्सी अस्पताल जबलपुर के डाक्टर अरुण शुक्ला एवं उनकी टीम के द्वारा कायज़्वाही कैसे करना है, प्रैक्टिकल करके भी बताया गया। जीआरपी थाना जबलपुर पुलिस लाइन के करीब 70 कर्मचारी अधिकारी उपस्थित रहे। संपूर्ण कायज़्क्रम उप पुलिस अधीक्षक आरके गौतम के द्वारा पुलिस अधीक्षक रेल जबलपुर विनायक वर्मा (भापुसे) के दिशा निर्देश पर आयोजित किया गया । जीआरपी थाना प्रभारी जबलपुर श्री कश्यप भी उपस्थित रहे।