भारत निर्वाचन आयोग ने मीडिया कव्हरेज के लिए जारी किये दिशा-निर्देश : विज्ञापन या प्रचार आदि का प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध

नरसिंहपुर यभाप्र। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2024 के लिये मीडिया कव्हरेज के परिप्रेक्ष्य में विस्तृत दिशा.निर्देश जारी किये गये हैं। आयोग ने कहा है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(1) बी के अनुसार टेलीविजन, सिनेमैटोग्राफ या इसी तरह के अन्य संचार माध्यमों से किसी भी चुनावी मामले विज्ञापन या प्रचार आदि का प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध रहेगा।
यह प्रतिबंध किसी भी मतदान क्षेत्र में मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले तक की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति सिनेमैटोग्राफ, टेलीविजन या अन्य समान उपकरण के माध्यम से किसी भी चुनावी मामले को जनता के समक्ष प्रदर्शित नहीं करेगा। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दोषी व्यक्ति को दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। आयोग के अनुसार चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने या ऐसे इरादे या गणना करने जैसा कोई भी प्रयास चुनावी मामला माना जायेगा।
टीवी चैनलों में पैनल चर्चा बहस और अन्य समाचार और समसामयिक कार्यक्रमों के प्रसारण में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के प्रावधानों के उल्लंघन के आरोप लगते हैं। इस संबंध में आयोग ने स्पष्ट किया है कि टीवीध्रेडियो चैनलों और केबल नेटवर्क को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धारा 126 में उल्लेखित 48 घंटों की अवधि के दौरान उनके द्वारा प्रसारितध्प्रदर्शित कार्यक्रमों के कंटेन्ट में दृश्य सहित ऐसी कोई भी सामग्री शामिल नहीं है। पैनलिस्टों/प्रतिभागियों द्वारा अपील करने पर उन्हें किसी पार्टी विशेष या उम्मीदवार की संभावना को बढ़ावा देने या चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के रूप में माना जा सकता है।
इसमें जनमत सर्वेक्षण और मानक बहस, विश्लेषण, दृश्य और ध्वनि/बाइट्स का प्रदर्शन शामिल होगा। इसमें टीवीए केबल नेटवर्क, रेडियो, सिनेमा हॉल में किसी भी चुनावी मामले पर राजनीतिक विज्ञापन, किसी भी मतदान में थोक एसएमएस वॉयस संदेशों, ऑडियो विजुअल डिस्प्ले का उपयोग आदि भी शामिल है। आयोग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के लिये आयोग के पूर्व आदेशानुसार राज्य जिला स्तर पर गठित समितियों द्वारा पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता होगी।