डायरिया से दो मौत के बाद एडवाइजरी जारी : यदि यह उपाय किए तो कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा संक्रमण

मंडला | बारिश के बाद संक्रमित पानी पीने से डायरिया के कारण दो मौत हो ना पाया गया जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही संक्रमित क्षेत्र में नजर रखी जा रही है |
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जनसमुदाय के लिए जारी एडवाइजरी में कहा है कि वर्तमान समय में बरसात में जलजनित बीमारी होने की संभावना होती है। बरसात में अक्सर दस्त, उल्टी, बुखार, आव, पेट दर्द, पेचिस, पीलिया, टायफाइड, डायरिया जैसी बीमारियां होती हैं। बीमारी से बचने के लिए सावधान रहें। बीमार न हों, इसके उपाय करें एवं स्वस्थ्य रहें।
बीमारी से कैसे बचें
दस्त, उल्टी, बुखार, आव, पेट र्दद, पेचिस, पीलिया, टायफाइड, डायरिया जैसी संक्रामक बीमारी से बचने के लिए ताजा भोजन करें। शुद्ध पानी पिएं (उबला पानी, आरो का पानी, फिल्टर का पानी, हेंडपंप का पानी पिएं) कुआँ, नदी, नाला का पानी ना पिये। पानी क्लोरिनेशन करके पियें। सड़ीगली सब्जी, फल, बासा खाना ना खायें एवं बरसात के दिनों मांस का सेवन ना करें। व्यक्तिगत स्वच्छता अपनायें। खानें की चीजों को छूनें से पहले साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं। संक्रमित चीजों को छूने के बाद या शौंच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। स्वच्छ शौचालय का उपयोग करें।
उपचार
डॉक्टर के परामर्श से उल्टी, दस्त के लिए टेबलेट फ्यूराजोलाडिन मेट्रोंजिन, डायकलोमिन, मेट्रोक्लोरापामाइड, जिंक ओ.आर.एस. का घोल, खीरा, दही, सिकंजी, चावल का पानी तथा तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करें।
सुझाव
दस्त से संबंधित संक्रामक बीमारी होने पर नजदीकी अस्पताल जायें, ग्राम स्तर में आशा कार्यकर्ता डिपो होल्डर के माध्यम से जीवन रक्षक दवाइयां प्राप्त करें। बरसात के दिनों में वेक्टर जनित रोग जैसे- मलेरिया, डेंगू, चिकिनगुनियां, फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां होती है। गंदा पानी, नाली, गडढों में एकत्रित पानी से मच्छर के लारवा से अंडे पनपते हैं।
मलेरिया
मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से मलेरिया होता है।
डेंगू
डेंगू के लारवा साफ पानी में पैदा होता है। जैसे- कूलर, टूटे हुए टायर, टंकी में एडीज मच्छर के लावा पनपते हैं। एडीज मच्छर के काटने से डेंगू होता है।
चिकिनगुनिया
इसका वायरस सीधे हड्डी पर अटेक करता है जिससे असहनीय दर्द होता है। डेंगू, मलेरिया, चिकिनगुनिया फायलेरिया से कैसे बचें- घर के आसपास की सफाई रखें, पानी इकट्ठा ना होने दें, गड्ढों को भरा जाये, टायर, कबाड़ समान ढक्कर रखें। इनमें पानी इकट्ठा नहीं होने दें। कूलर वा टंकी के पानी को एक सप्ताह में खाली करें। नीम का धुआं करें। शाम के समय खिड़की दरवाजा बंद रखें, रात्री में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पूरी अस्तीन के कपडे़ पहने मच्छर भगाने वाले साधन जैसे- क्रीम, क्वाइल रिपेलेंट इत्यादि का उपयोग करें। बुखार आने पर तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में जांच करायें।
सुझाव
बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर खून की जांच करायें एवं ग्रामीण क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता के पास जाकर खून की जाँच कराएं एवं दवाइयां प्राप्त करें।