जबलपुर साइंस यूनिवर्सिटी का कारनामा: जिस कॉलेज का निरीक्षण होना उसे बताकर जाएगी निरीक्षण टीम

जबलपुर, यशभारत। मेडिकल विश्वविद्यालय से सम्बंधित पेरमेडिकल नर्सिंग महाविद्यालय की मान्यता ओर संबद्धता को लेकर उपजी आग अब ठंडा होने का नाम नही ले रही जहा एक ओर मानव संसाधन भवन ओर अन्य प्रायोगिक सुविधा ना होने के कारण पूर्व में कमिशनर ने कुलपति पद पर रहते विश्वविद्यालय से संबद्धता देने से साफ़ मना कर दिया था वही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जाँच के आदेश दे दिए वही कमिश्नर के कुलपति पद से हटते ही एक बार फिर इन महाविद्यालय को संबद्धता देने के लिए नए नए पेतेर अपना रहा हे जबकि विश्वविद्यालय में महामहिम राज्यपाल द्वारा नियुक्त कायज़्परिषद सदस्य ओर आयुक्त आयुष के प्रतिनिधि द्वारा इनका विरोध किया गया । पहले ओचक निरीक्षण में ना महाविद्यालय संचालक को टीम के बारे पता रहता ना ही इन्स्पेक्टर को कालेज का नाम।
पहले से नाम बता दिया गया कमेटी को
पूर्व में हुए दो महाविद्यालय के ओचक निरीक्षण में सम्बंधित निरीक्षण। कमेटी को महाविद्यालय का नाम नही बताया जाता ओर महाविद्यालय के नाम की जगह एक्स कालेज लिख दिया जाता था मगर इस बार महाविद्यालय को टीम ओर निरीक्षण समिति को महाविद्यालय का नाम बता दिया जा रहा है जो औचक़ निरीक्षण को संदेहास्पद बना रहा ओर महज़ ओचक निरीक्षण के नाम पर रस्म अदाए कर रहा है। वरिष्ठयता को दरकिनार कर कनिष्ठ को भेजा जा रहा निरीक्षण मेें ओर एक व्यक्ति से कराया जा रहा दो से तीन कालेज का निरीक्षण
छात्र संगठन का आरोप
छात्र नेता अभिषेक पांडेय। ने आरोप का कहना हे की विश्वविद्यालय पूरी तरह से भ्रष्टाचार की बानगी बना हुआ हे अभी पेपर लीक। कभी रिज़ल्ट गड़बड़ तो कभी कुलसचिव कायज़्परिषद को बाइपास करते तो कभी कुलपति को अपशब्द ओर अब तो छात्रहित की आड़ लेकर उन महाविद्यालय को मात्र शपथ पत्र पर संबद्धता दे दी जो पूवज़् में ही मनकों पर खरे नही उतरे ओर वरिष्ठता को दरकिनार कर सेटिंग वाले लोगों को निरीक्षण करने भेजा जा रहा यदि विश्वविद्यालय सच में छात्र हित में कायज़् करने की बात कह रहा तो परीक्षा परिणाम में लापरवाही करने वाले नियंत्रक को तत्काल हटा कर अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति करे