खितौला हादसा : बच्चों के शव उठाने तैयार नहीं थे माता-पिता, भर आई आंखे

जबलपुर, यशभारत। खितौलाघाट में गुरुवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। पूजन सामग्री विसर्जन करने गई युवती और दो किशोर डूबने लगे। शोर सुनकर लोगों ने एक किशोर को बचा लिया। वहीं दो की डूब कर मौत हो गई। एक ही मोहल्ले के दो लोगों की मौत के बाद क्षेत्र में मातम का माहौल रहा।
जानकारी अनुसार घटना में सत्यनारायण की कथा में शामिल होने गए 2 परिवारों में एकाएक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हादसे में बच्चों की दर्दनाक मौत और अर्थी उठने का ऐसा ह्दय विदारक मंजर देखकर मौके पर मौजूद लोगों के दिल भर आए।
सुबह 10 बजे रिश्ते में मामा-बुआ के भाई-बहन की लाश घर पहुंची। सिहोरा के वार्ड क्रमांक 16 का माहौल ऐसा था कि कोई व्यक्ति किसी से बात करने या सुनने की स्थिति में नहीं था। बेटे कृष्णा की लाश घर पहुंची तो मां ने उसे सीने से लगा लिया। रोते-रोते मां बेहोश हो गई, लेकिन उसने दोनों हाथों से बेटे को ऐसा पकड़कर रखा था, कि लोग बच्चे की लाश को अलग करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। दोनों बच्चों की अर्थी खितौला से मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई तो सड़क के दोनों ओर करीब 1 किलोमीटर तक बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं मृत भाई-बहन का एक झलक चेहरा देखने के लिए खड़े थे। इलाके की हर छत लोगों की भीड़ से भरी थी। मृतक परिवार को दुख बांटने के लिए सैकड़ों ऐसे लोग पहुंचे जिनका दोनों परिवार से कोई रिश्ता या परिचय नहीं था।
खितौला बरा मोहल्ला के मूल निवासी श्रवण तिवारी त्रिमूर्ति नगर में पत्नी संध्या, बेटी काव्या और बेटे कृष्णा के साथ रहते थे। श्रवण परिवार के साथ खितौला वाले घर में सत्यनारायण की कथा कराने पहुंचे थे। कथा में शामिल होने के लिए उन्होंने अपनी बहन और बहनोई सुनील दुबे को आंमत्रित किया था। जीजा और बहन का मूल निवास सिहोरा है, लेकिन सर्विस में होने के कारण सुनील दुबे अमलाई में रहते हैं। कल वे भी अपने परिवार के साथ श्रवण तिवारी के घर पहुंचे थे। कथा होने के बाद पूजन सामग्री विसर्जन करने हिरन नदी पहुंची सुनील की 17 साल की बेटी आस्था और श्रवण तिवारी का 16 वर्षीय बेटा कृष्णा पानी में डूब गए, जिनकी मौत गई। हादसे में अभय को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित पानी के बाहर निकाल लिया था।