जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

जबलपुर भाजपा कार्यालय के सामने युवक की भूख हड़ताल VEDEO : जाति प्रमाण पत्र के लिए , 12 बजे से भूख हड़ताल पर बैठा युवक

 

जबलपुर, यशभारत। 4 साल से जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सिहोरा तहसील से लेकर जबलपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस के चक्कर काट रहा हूं। अधिकारी हर बार यह जवाब देकर दुत्कार देते हैं कि सरकार नहीं बना रही उसका कार्ड इसमें वह क्या कर सकते हैं। सोचा कि जिनकी सरकार है उनके कार्यालय के सामने खड़े होकर भूख हड़ताल कर जाति प्रमाण पत्र बनवाने की गुहार लगाऊंगा लेकिन 12 बजे से खड़ा हूं, कोई पूछने तक नहीं आया। ऐसा लगता है कि जैसे पूरा सिस्टम ही पंगु हो गया है।

 

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यह कहना है सिहोरा के ग्राम दर्शनी में रहने वाले युवक आजाद मांझी का है। आजाद मंगलवार की दोपहर 12 बजे से रानीताल स्थित भाजपा के संभागीय कार्यालय में खड़े होकर भूख हड़ताल कर रहा है। आजाद ने बताया कि जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 4 साल से प्रयास कर रहा है, कभी तहसीली ऑफिस जाता है तो कभी जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंचता है लेकिन सभी कार्यालय के अधिकारी यही जवाब देते हैं उसका जातिप्रमाण पत्र नहीं बनेगा, क्यों नहीं बनेगा इसका सही कारण भी नहीं बता रहे हैं।

जान भी चली जाए फिर भी हड़ताल समाप्त नहीं करूंगा
आजद मांझी ने बताया कि मझौली तहसील अतंगर्त उसका गांव आता है 4 साल से लगातार जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आवेदन दे रहा हूूं लेकिन तहसीलदार सुनते ही नहीं है। यहां तक कि प्रशासन से सभी बड़े अधिकारियों को आवेदन दे चुका है फिर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आजाद ने कहा कि जब उसकी मांग पूरी नहीं जाएगी तब तक वह भूख हड़ताल समाप्त नहीं करेगा चाहे उसके लिए उसे जान क्यों न देना पड़ें।

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युवक आजाद मांझी

क्या मतलब की पढ़ाई, कोई नौकरी तक नहीं दे रहा है
आजद मांझी ने जबलपुर से लेकर भोपाल तक प्रशासनिक सिस्टम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसकी पढ़ाई पूरी हो गई, कई बार नौकरी के लिए आवेदन किया परंतु जाति प्रमाण नहीं होने के कारण उसका आवेदन निरस्त कर दिया जाता है। पिता ने इस आस से पढ़ाई कराई थी एक दिन उनका सहारा बनूंगा लेकिन यहां पर जाति प्रमाण पत्र बनवाने की लड़ाई लड़ रहा हूं। अधिकारी कहते हैं सरकार चाहेगी तो उसका प्रमाण पत्र बनेगा पर मेरा सवाल ये है कि वह किसके पास जाए जो उसका प्रमाण पत्र बनवाए सुबह से लेकर शाम तक खड़े होकर भूखहड़ताल कर रहा हूं, कार्यालय से कोई पूछने तक नहीं आया है।

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