जबलपुर यशभारत।गत दिवस राज्यसभा में सांसद विवेक तन्खा ने बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में रक्षा बजट में जीडीपी का मात्र1.9 फीसदी हिस्सा दिया है जो सन 1960 में आबंटित रक्षा बजट से भी कम है।उन्होंने जबलपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय यहां सवा लाख कर्मचारी रक्षा संस्थानों में काम करते थे।लेकिन आज ऐसा आभास हो रहा है कि सुरक्षा निर्माणियां बंद हो रही हैं।उन्होंने कहा कि देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने का जो स्वप्न स्व.जनरल रावत ने देखा था।उसका क्या होगा।
श्री तन्खा ने आगे कहा कि रक्षा क्षेत्र को अपग्रेड करने की जरूरत है।हमारे डीआरडीओ और अन्य शोध संस्थान विश्व के उच्च कोटी के हैं।लेकिन वे विसंगतियों से जूझ रहे हैं।चीन और पाकिस्तान ने अपने बजट में 72 फीसदी की वृद्धि की है।उन्होंने कहा कि हमारे यहां पद्मविभूषण पाने वाले राकेट मेन सरकार की उपेक्षा के शिकार हैं
28सौ स्टेशन बंद कर दिए गए
शहर के मुद्दों पर रक्षामंत्री को करना चाहिए सांसदों के साथ चर्चा
अपने शुरुआती भाषण में श्री तन्खा ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंसी(एआई) को लेकर कहा कि आज गुरु की जगह एआई को दे दी गई है।हमारे पास जानकारी तो बहुत है लेकिन समझदारी कम है।जबलपुर के बारे में कहा कि यहां केन्टोनमेंट और सेना के साथ अलग-अलग क्षेत्र हैं ।जहां भूमि आदि अनेक समस्याएं हैं।रक्षामंत्री को चाहिए कि वे क्षेत्र के सांसदों के साथ मुद्दों पर चर्चा कर उसका निराकरण करें ।