भोपालमध्य प्रदेश

बाहुबलियों का इलाज मप्र राज्य वक्फ बोर्ड बेहतर तरीके से कर रहा 

बाहुबलियों का इलाज मप्र राज्य वक्फ बोर्ड बेहतर तरीके से कर रहा

– देश में पहला राज्य बना मप्र जहां मेधावी छात्र छात्राओं की पढ़ाई का खर्च उठा रहा वक्फ बोर्ड 

– मप्र राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल की यशभारत से खास बातचीत 

आशीष दीक्षित, भोपाल। बाहुबलियों का इलाज मप्र राज्य वक्फ बोर्ड बेहतर तरीके से कर रहा है। वक्फ माफिया पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। देश भर का सबसे बड़ा रिकवरी नोटिस बोर्ड की ओर से जारी किया गया है। जरूरतमंदों को मदद मिले यही वक्फ बोर्ड का उद्देश्य है। समाज विरोधी लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।

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यह बात मप्र राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल ने यशभारत से खास बातचीत में कही है। डॉ पटेल ने वक्फ बोर्ड द्वारा किए जा रहे नवाचार और जमीन पर हुए कब्जों को हटाने को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वक्फ बोर्ड अपनी वैधानिक संपत्ति की रक्षा करेगा। जो नया कानून आया है उसमे साफ संदेश है कि पूरी पारदर्शिता के साथ अब वक्फ बोर्ड का काम चले। करोड़ों की संपत्तियां होने के बावजूद भी वक्फ बोर्ड गरीब है, ऐसे गरीब जिनके लिए वक्फ हुए थे उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मप्र वक्फ बोर्ड ने नए कानून के साथ तय किया है कि हम पारदर्शिता के साथ काम करेंगे।

वैधानिक संपत्ति की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं 
वक्फ बोर्ड की जमीनों पर हुए कब्जे को हटाने के लिए भी वक्फ बोर्ड कदम उठा रहा है। डॉ पटेल ने बताया कि मप्र राज्य वक्फ बोर्ड अपनी वैधानिक संपत्ति की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बात के लिए भी प्रतिबद्ध भी अन्य किसी की संपत्ति को डिफाल्टर नहीं होने दिया। वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। देश का सबसे बड़ा रिकवरी नोटिस भी जारी किया गया है।

बेटे व बेटियों को पढ़ाने का जिम्मा उठाएंगे 
मप्र देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जहां बेटे व बेटियों का पढ़ाने का जिम्मा बोर्ड उठाएगा। ऐसे मेधावी छात्र जिन्होंने 65 प्रतिशत से ज्यादा दसवीं परीक्षा में लाए हैं उन्हें जिलावार बुलाया गया व आवेदन भरवाया गया। उन्हें राष्ट्र निर्माण में भागीदारी बनने के लिए संकल्प भी दिलाया है। इस योजना के तहत पढ़ाई की पूरी फीस को उनके इंस्ट्टीयूट के खाते में जमा कराया जाएगा।

पढ़ाई छोडऩे से 1102 बच्चों को पढ़ाई छोडऩे से रोका 
डॉ पटेल ने बताया कि प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज के 1102 बच्चे ऐसे थे जो पढ़ाई छोडऩे वाले थे, लेकिन उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित किया गया। मप्र राज्य वक्फ बोर्ड ने पहल करते हुए बच्चों को पढ़ाई कराई और स्कूलों में प्रवेश दिलाकर सहयोगी बने। इस योजना के तहत इंदौर में अगले में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसमें उन्हें सम्मानित किया जाएगा। विदिशा और सिरोंज में भी दौरा किया है। इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का काम किया जा रहा है ताकि हर जगह से मेधावी छात्र सामने आ सकें और पढ़ाई करें।

कृषि भूमियों की नीलामी करने का प्रयास 
कृषि भूमियों की नीलामी नहीं होने को लेकर डॉ पटेल ने चिंता जाहिर की है। यशभारत से चर्चा में उन्होंने बताया कि जिन कृषि भूमि की नीलामी नहीं होती थी तो लोग उसे खुर्द बुर्द करने का काम करते थे। मप्र वक्फ बोर्ड में 5000 हेक्टेयर कृषि भूमि इंद्राज है। 1795 खसरा नंबर में इंद्राज है। पांच प्रतिशत कृषि भूमियों की ही नीलामी हम कर पाए हैं।

अस्पताल में मिलेगा निश्शुल्क उपचार 
अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उचित और निश्शुल्क उपचार मिल सके इसके लिए काम किया जा रहा है।  हयात नाम के अस्पताल को भी शुरू किया जा रहा है। पूरा खर्च वक्फ बोर्ड उठाएगा। यह हमारी प्राथमिकता में है कि स्वास्थ्य सेवा का लाभ लोगों को दिलाया जा सके। पैथालॉजी के लिए मशीनें भी खरीदने जा रहे हैं ताकि  हर तरह की जांच भी की जा सके।

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