
जबलपुर, यशभारत। 40 से 50 साल का एक व्यक्ति चश्मा लगाए हुए कुछ वकील साथियों के साथ कलेक्ट्रेट पहंुचता है, चश्मे के अंदर से आंखों में छलकते आंसू और चेहरे में नजर आती बेबसी के बारे में जब किसी ने उससे पूछा तो उसने पूरा दर्द बयां कर दिया। खुद को बेबस पिता कहने वाले व्यक्ति की माने तो उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया, जिन भाईयों के साथ खेलकर वह बड़ा हुआ, जिस थाली में एक साथ खाकर मां-बाप का आर्शीवाद लेकर सभी भाई आगे बड़े उन्हीं ने उसका समाजिक बहिष्कार करा दिया। गलती सिर्फ उसकी इतनी थी कि उसकी बेटी ने किसी दूसरे समाज के युवक के साथ सात फेरे ले लिए।
ललपुर ग्राम पंचायत में रहने वाले जागेश्वर राय ने कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना को शिकायत करते हुए बताया कि उसकी बेटी ने अपने समाज से हटकर यादव समाज के युवक के साथ विवाह किया है जिसमें उसकी रजामंदी थी। बेटी के विवाह के बाद से उसके भाई कौड़ीलाल, भागचंद और चैहान राय ने बोलचाल बंद कर दिया है साथ समाजिक बहिष्कार करा दिया है। किसी भी रिश्तेदार के यहां जाने पर रोक लगा दी गई। पीड़ित जागेश्वर राय का कहना है कि समाजिक बहिष्कार सबसे घातक होता है एक मन करता है कि आत्महत्या कर लूं परंतु बेटी के कारण जिंदा हूं।
मंदिरों में घुसने नहीं देते, लौटा फेंक देते हैं
पीड़ित जागेश्वर राय ने कलेक्टर को बताया कि इस आधुनिक दौर समाजिक बंधन की कोई मान्यता नहीं है, युवक-युवती एक दूसरे को पंसद करें और शादी कर लें। मैंने भी यही किया जब बेटी ने बताया कि यादव समाज का युवक उसे पसंद है तो मैंने बगैर देर किए उसकी शादी करा दी। परंतु शादी के बाद से ही समाजिक रोक लगा दी गई यहां तक कि मंदिरों पर जाने समाज के लोग उसकी पूजा की थाली और लौटा छुड़ाकर फेंक देते हैं।
कलेक्टर… आत्महत्या करना चाहता हूं
समाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ित जागेश्वर राय ने कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना को सौंपी शिकायत में आत्महत्या करने की अनुमति मांगी है। जागेश्वर का कहना है कि जब समाजिक दायरा ही नहीं है तो फिर जीने से क्या मतलब। पीड़ित की शिकायत पर कलेक्टर ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।