![ब्रिटिश संसद भवन में तरुण सागर की प्रतिमा का लोकार्पण हुआ 1 12 3](https://yashbharat.co.in/wp-content/uploads/2023/06/12-3.jpg)
एजेंसी। इतिहास में पहली बार कोई जैन संत लघु मुनि क्षुल्लक सागर निमंत्रण पर लंदन पहुंचे। कड़वे प्रवचन फेम तरूण सागर महाराज के शिष्य पर्व सागर ने वहां प्रवचन पुस्तक का अवलोकन किया। सोमवार को तरुण सागर गुरु की जन्म जयंती पर शिष्य पर्व की देश व दुनिया को गुरु समर्पण की अनोखी सौगात देखने को मिली है। ब्रिटिश संसद भवन में क्रांतिकारी राष्ट्रसंत जैनमुनि तरुण सागरजी महाराज की एक प्रतिमा का लोकार्पण भी हुआ व अंग्रेजी कड़वे प्रवचन पुस्तक का भी अवलोकन किया गया। पर्व सागर महाराज ने यूके सरकार के मंत्री व अनेक सांसदों को कड़वे प्रवचन पुस्तक आशीर्वाद रूप में प्रदान की। पर्व सागर महाराज ने अपने गुरु की 56वीं जन्म जयंती पर ऐतिहासिक घटना बताया।
4 सपनों में एक सपना ये भी था
पर्व सागर ने कहा कि गुरुदेव तरुण सागर के 4 सपनों में एक सपना था विधानसभा और लोकसभा में कड़वे प्रवचन के माध्यम से देश की राजनीति को उपदेश देना। इंग्लैंड की संसद में आज के दिन मेरा आना उनकी ऊर्जा की मौजूदगी को दिखाती है। दुनिया को महाविनाश से बचाना है तो महावीर और उनकी अहिंसा को जानना व जीना होगा।उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के लिए सकारात्मक पहल है। उन्होंने इसके लिए दादा गुरु गणाचार्य पुष्पदंत सागर और आचार्य तरूण सागर महाराज को अपनी ऊर्जा बताया। ब्रिटिश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सरकार के मंत्री व सांसद ग्रेथ थॉमस ने पर्व सागर महाराज को उनकी विश्व मैत्री अहिंसा धर्म प्रभावना यात्रा को यूके की उपलब्धि बताई। उन्होंने यूके के इतिहास में प्रथम जैन संत की
पहली यात्रा की खुशी जाहिर करते हुए सरकार की ओर से उन्हें उनके चरणों में एक अवार्ड भी समर्पित किया। इस अवसर पर हिंदू संस्कृति का प्रचार प्रसार में समर्पित सिद्धाश्रम प्रमुख संत राजराजेश्वर सम्मिलित रहे।
यशभारत लगातार प्रकाशित कर रहा है कड़वे प्रवचन
क्रांतिकारी राष्ट्रसंत जैनमुनि तरुण सागरजी महाराज के कड़वे प्रवचन यशभारत लगातार कई सालों से अखबार में प्रकाशित कर रहा है। रोजाना कड़वे प्रवचन का प्रकाशन यशभारत पाठकों की पसंद में करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा।