जबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

शिवमय हुई संस्कारधानी, सुबह निकली संस्कार कांवड़ यात्रा , फिर गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी

देव वृक्षों को लेकर निकले हजारों कावडि़ए.......

जबलपुर, यशभारत। आज श्रावण के दूसरे सोमवार का शहर की धर्मधानी की संज्ञा परिभाषित हुई। हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे लग रहे थे। सुबह से शिवालयों में लोग पूजन-अर्चन करने के लिए पहुंचने लगे थे। एक तरफ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से सम्मानित विश्व की सबसे बड़ी ऐतेहासिक संस्कारधानी की संस्कार कांवड़ यात्रा सुबह 7 बजे से माँ नर्मदा तट गौरीघाट से कैलाशधाम खमरिया की ओर रवाना हुई। तो दूसरी तरफ संस्कारधानी में महाकाल की तर्ज पर गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी यात्रा भक्तों को आशीर्वाद देने नगर भ्रमण पर निकली। संस्कार कांवड़ यात्रा समिति के आयोजक शिव यादव, नीलेश रावल, ने बताया कि दादा गुरु के सानिध्य में यह कांवड़ यात्रा का शानदार 14 वां वर्ष है। आयोजकों ने बताया कि यात्रा गौरीघाट में माँ नर्मदा एवं देववृक्ष का पूजन के साथ शुरू हुई। पूजन अर्चन राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने किया। इस दौरान पूर्व विधान सभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति विधायक लखन घनघोरिया मौजूद रहे। इस कांवड़ यात्रा में कैबिनेट मंत्री, कैलाश विजयवर्गीय, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक नीरज सिंह भी शामिल हुए।

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कैलाश धाम में भगवान भोलेनाथ जलाभिषेक

यह कावड़ यात्रा गौरीघाट से होकर रामपुर, बंदरिया तिराहा, गोरखपुर, शास्त्री ब्रिज ,मालवीय चौक ,सर्राफा, बेलबाग ,घमापुर , कांचघर, सतपुला ,गोकलपुर ,रांझी, खमरिया होते हुए कैलाश धाम में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ समाप्त होगी।
35 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे
इस यात्रा में कांवरिया कावड़ के एक पात्र में देवी स्वरूप मां नर्मदा का जल । दूसरे पात्र में देवतुल पौधा को धारण कर संस्कारधानी की गलियों में निकले भोलेनाथ के जय घोष के साथ कावडिय़ा 35 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे।वही कावडिय़ा अलग-अलग कावड़ को सुसज्जित कर कावंड लेकर चल रहे हैं।

संस्कारधानी में उत्साह का माहौल
इस कावड़ यात्रा को लेकर संस्कारधानी में उत्साह का माहौल है। जगह-जगह कांवरियों के स्वागत के लिए मंच बनाए गए । इस कावड़ यात्रा में शहर के समस्त जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे ।यात्रा को भव्य बनाने के लिए बैंड दल ,घोड़े ,झांकियां आदि का यात्रा में शामिल हैं। संपूर्ण यात्रा सदगुरु दादा सरकार एवं रामू दादा के सानिध्य में निकाली जा रही है। यात्रा के समापन पर कैलाश धाम पहाड़ी में लगभग 25000 पौधों का रोपण किया जाएगा वही कावडिय़ा द्वारा अपने घरों में भी पौधों का रोपण करेंगे।

व्यापक प्रशासनिक इंतजाम
इस यात्रा को सफल बनाने के लिए शासन प्रशासन ,नगर निगम आदि ने पूरे प्रशासनिक इंतजाम किए थे। इस कावड़ यात्रा को सफल आयोजन समिति द्वारा भी इस यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी सार्थक प्रयास किए गए।

यात्रा का उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन
इस यात्रा का उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन है। इस यात्रा में उपस्थिति की अपील आयोजन समिति के शिव यादव, निलेश रावल , महापौर जगत बहादुर अन्नू , राजेश यादव, धर्मेंद्र नामदेव, रजीत यादव, पवन यादव, गुड्डू महाराज , गौरैया यादव, राजेंद्र मिश्रा , कमलेश सिंह, रविन्द्र कुशवाहा, मनु रजक , विशाल तिवारी, रंजीत सिंह, रामरतन यादव, संदीप वर्मा, देवेंद्र सरीन समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।

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शान से निकली गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी
जबलपुर, यशभारत। संस्कारधानी में महाकाल की तर्ज पर गुप्तेश्वर महादेव की शाही सवारी यात्रा सुबह 10 बजे भक्तों को आशीर्वाद देने नगर भ्रमण पर निकली। गुप्तेश्वर पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी मुकुंद दास महाराज, मार्गदर्शक डॉ. स्वामी नृसिंहदास महाराज, शाही सवारी के संयोजक पं. द्वारिका प्रसाद मिश्रा, पं. पंकज पाण्डे आदि ने बताया कि शाही यात्रा उज्जैन के महाकाल भगवान की तरह अपने गर्भगृहसे निकल कर 29 जुलाई की सुबह 10 बजे गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ हुई जो शक्ति नगर चौक, कृपाल चौक, हाथीताल, हितकारिणी स्कूल, अनगढ़ महावीर मंदिर, आदिशंकराचार्य चौक (छोटी लाइन), शास्त्री ब्रिज, बस स्टैंड, गंजीपुरा, फुहारा से होते हुए मिलौनीगंज रामलीला मैदान में यात्रा का समापन होगा। शाही यात्रा की अगुवाई डॉ. स्वामी नृसिंहदास, महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी, दण्डीस्वामी कालीकानंद महाराज, स्वामी पगलानंद, डॉ. स्वामी राधे चैतन्य, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, स्वामी राजारामाचार्य, स्वामी रामजी शरण, स्वामी चैतन्यानंद सहित अनेक महात्मागण शामिलहैं। आयोजक मंदिर परिवार के दिलीप अग्रवाल, प्रशांत मिश्रा, पिंकी अग्रवाल, शेखर सराफ, डॉ. बसंत मिश्रा, टोनी अग्रवाल, उत्कर्ष रावत, आदि ने शहरवासियों से शाही सवारी यात्रा में दर्शन पूजन कर पुण्य लाभ लेने की अपील की हैं।

हर तरफ हर-हर महादेव, इन मंदिरों में भक्तों की कतार
जबलपुर, यशभारत। सावन के दूसरे सोमवार पर आज भरणी, कृतिका नक्षत्र गण्ड योग और वृद्धि योग बन हैें।
हर तरफ हर-हर महादेव के जयघोष सुनाई दे रहे हैं। देवाधिदेव महादेव के पूजन वंदन का क्रम सुबह से शुरू हुआ जो रात्रि तक चलेगा। संस्कारधानी में चहुंओर भक्ति की झलक दिख रही है। सभी मंदिरों को सजाया गया है। वहीं भगवान शिव का विशेष श्रृंगार भी किया है। भगवान शिव के मंदिरों में सुबह से ही जलाभिषेक, रुद्राभिषेक व सहस्त्रार्चन शुरू हुआ । इस साल सावन सोमवार की शुरुआत 22 जुलाई से हो चुकी है। इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं, जिसके कारण इसका और भी महत्व बढ़ गया है। सावन माह का दूसरे पर कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह से लेकर शाम 5.55 तक रहेगी। उसके बाद षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.15 से 4.59 मिनट तक रहा।वहीं, अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 12.00 बजे से हुई जो कि 12.55 रही। इस दिन अमृत काल का समय सुबह 6.17 से सुबह 7.50 तक है।

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इन मंदिरों के खास पूजन
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, पाट बाबा शिव मंदिर, गैबीनाथ महादेव मंदिर, बादशाह हलवाई मंदिर, विजय नगर के कचनार सिटी स्थित शिव मंदिर, पशुपति नाथ मंदिर लम्हेटाघाट, कांच मंदिर जिलहरी घाट में दर्शन पूजन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे है। यहां विशेष श्रंगार और पूजन होगा। ग्वारीघाट, तिलवाराघाट एवं सरस्वती घाट में नर्मदा पूजन कर भक्तों की टोली कांवड़ यात्राएं निकालीं जा रही हैं और मंदिरों में जलाभिषेक हो रहा है मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं बनाई गई हैं।

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