-सृजन शुक्ला-
जबलपुर, यशभारत। घरेलू हिंसा के मामलों में पत्नी पीडि़त पति के मामले अधिक हैं। परिवार परामर्श केंद्र में 51 प्रतिशत मामलों में पतियों ने शिकायत की है कि वे पत्नी से पीडि़त हैं।
परिवार परामर्श केंद्र में प्रधान परामर्शदाता अंशुमान शुक्ला का कहना है कि वर्ष 2022-23 में सबसे अधिक शिकायतें आई हैं जिसमें पतियों ने कहा कि उन्हें पत्नी प्रताडि़त करती है। इस वर्ष घरेलू हिंसा के 2500 में से 1228 केस तो पतियों के द्वारा की गई शिकायतों के हैं। इनमें से 42 प्रतिशत मामलों में समझौता किया गया। वहीं जनवरी 2023 से जून तक रोजाना लगभग 950 से ऊपर मामले सामने आए हैं। जिसमें हर तीन दिन में 51 मामले व 10- 15 मामले हर एक दिन में आते हैं। जिसमें प्रभुत्व,पैसा, एकाधिकार विभिन्न प्रकार की समस्याएं पत्नियों की तरफ से प्रमुख हैं। ऐसे ही कुछ मामले एस पी आफिस पहुंचे जिसमें कि कुछ प्रमुख रूप से इस प्रकार हैं।
. आर्थिक सुदृढ़ता बना कारण
एसपी ऑफिस में ऐसा ही एक मामला पहुंचा था जहां पर पति की पत्नी मायके चली गई क्योंकि पति कम पैसा कमाता था और पत्नी आर्थिक रूप से सुदृढ़ होना चाहती थी ।पति इस मामले में पत्नी को मनाने बार-बार मायके पहुंचा और आने वाले भविष्य काल में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ बनाने की बात कही परंतु पत्नी के मन में इस बात को लेकर चिंता बनी रही कि कहीं ना कहीं उसका पति उसकी रोजमर्रा की जरूरते पूर्ण नहीं कर पा रहा है जिसके चलते वह अपने पति के पास नहीं आ पा रही है।
पूर्व प्रेम प्रसंग भी है अलगाव की वजह ,,,
एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ एक आवेदन लेकर एसपी ऑफिस पहुंचा, उसका आरोप था कि उसकी पत्नी उसे प्रताडि़त करती है, मेरी माता पिता और परिवार के अन्य लोगों के साथ बुरा बर्ताव करती है, घर का कोई काम नहीं करती, जब रात को वो काम से वापस आता है तो कमरे का दरवाजा बंद कर लेती है। जिसके चलते मुझे बाहर माता पिता के साथ सोना पड़ता है।उसकी शादी करीब तीन साल पहले उसकी बुआ की लड़की के साथ हुई थी। उसने बताया कि मुझसे शादी इसलिए कराई गई कि लड़की घर छोड़कर किसी के साथ भागने वाली थी, हमारे डेढ़ साल का एक बेटे भी है लेकिन मेरी पत्नी अभी भी उसी लड़के के प्यार में हैं उससे दिन रात बात करती रहती है।
रिश्तों में एकाधिकार की भावनाएं बनी समस्या
बिलासपुर से आई युवती ने शहर के युवक से शादी तो की परंतु धीरे-धीरे रिश्ते में प्रभुत्व जमाने के चलते एकाधिकार की भावनाओं ने जन्म ले लिया जिसके बाद युवती लगातार युवक को प्रताड़ित करने लगीऔर धीरे-धीरे मामला हिंसक होने लगा और युवती युवक पर हाथ उठाने लगी थी।
जिसके बाद युवक ने मामले की शिकायत की और मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा। मामला में काउंसिलिंग करने जब युवती को परिवार परामर्श केंद्र बुलाया गया तो वह हमेशा अनुपस्थित रही।
अपराध है पत्नी द्वारा पति की पिटाई
चाहे पत्नी अपने पति की पिटाई करे या पति अपनी पत्नी की पिटाई करे। दोनों ही सूरत में ये अपराध है। कानून के जानकार कहते हैं कि ज्यादातर पति अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करते हैं। ऐसे बहुत से केस में, जिसमें पतियों पर पत्नियां अत्याचार करती हैं। वहीं दूसरी ओर घरेलू हिंसा का प्रोटेक्शन सिर्फ पत्नियों के लिए है। पतियों के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है। इसलिए ऐसे मामले घरेलू हिंसा के अंदर नहीं आएंगे।प्रताड़ित पति हिंदू विवाह और भरण-पोषण अधिनियम की धारा 13 के तहत तलाक के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है और कानूनन उसे
तलाक मिल भी सकता है।
धाराएं जिनमें दर्ज हो सकते केस
.चोट लगने पर धारा 319
.गंभीर चोट और मारपीट होने पर धारा 320
.झूठे सबूत देकर फंसाने पर धारा 193
.खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने पर धारा 323
शिकायत दर्ज कराने की परिस्थितियां
पत्नी अगर अपने पति को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताडि़त करती है। या फिर किसी झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती है तो पति भी उसके खिलाफ प्राथमिकी यानी स्नढ्ढक्र 154 के तहत दर्ज करा सकता है।
.अगर पत्नी 498्र के तहत दहेज प्रताडऩा के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही है या फिर आत्महत्या करने की बात कह रही है, तब भी पति उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।
.अगर पत्नी के साथ रिलेशन ठीक नहीं चल रहा है तो ऐसे में हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 9 के तहत मुकदमा दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा पत्नी के खिलाफ फैमिली कोर्ट में भी लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी की काउंसलिंग की जाती है।