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कलयुग में पांडवों ने क्यों जन्म लिया था पढ़े… यहां पर…

विष्य पुराण, हिंदू धर्मग्रंथों में से एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें कई गूढ़ रहस्यों और भविष्यवाणियों का उल्लेख किया गया है। इस पुराण में महाभारत के पांडवों और कर्ण के कलयुग में पुनर्जन्म की कथा भी वर्णित है।

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यह कथा बताती है कि महाभारत के युद्ध के बाद, पांडवों और कर्ण ने किस प्रकार विभिन्न रूपों में जन्म लिया और कलयुग में कौन-कौन से नामों से पहचाने गए। आइए, इस रोचक कथा का विस्तार से वर्णन करते हैं:

1.युधिष्ठिर का पुनर्जन्म

महाभारत के सबसे बड़े पांडव, धर्मराज युधिष्ठिर, कलयुग में वत्सराज नामक राजा के पुत्र के रूप में पुनर्जन्म लेते हैं। युधिष्ठिर अपने न्यायप्रियता और सत्य के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते थे, और उनके पुनर्जन्म में भी ये गुण दिखाई देते हैं। वत्सराज के रूप में उन्होंने अपने राज्य में धर्म और न्याय की स्थापना की और लोगों के दिलों में एक आदर्श राजा के रूप में स्थान प्राप्त किया।

2.भीम का पुनर्जन्म

महाभारत के शक्तिशाली योद्धा, भीम, कलयुग में वीरण नामक राजा के रूप में जन्म लेते हैं। वे वनरस राज्य के शासक बनते हैं, जहाँ उनकी शक्ति और पराक्रम के किस्से दूर-दूर तक फैले होते हैं। भीम का यह नया अवतार उनकी पुरानी शक्ति और साहस को दर्शाता है, जिसने उन्हें महाभारत के युद्ध में भी अद्वितीय बनाया था।

3.अर्जुन का पुनर्जन्म

धनुर्विद्या में निपुण अर्जुन का पुनर्जन्म कलयुग में परलोक नामक राजा के पुत्र के रूप में होता है। इस अवतार में उन्हें ब्रह्मानंद के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मानंद के रूप में अर्जुन ने धर्म और अध्यात्म का प्रचार किया और अपनी विद्या का उपयोग समाज की भलाई के लिए किया। यह अवतार अर्जुन के ज्ञान, कौशल और धर्म के प्रति निष्ठा को दर्शाता है।

4. नकुल का पुनर्जन्म

महाभारत के सबसे सुंदर और योग्य पांडव, नकुल, कलयुग में कान्यकुब्ज के शासक रत्नभानु के पुत्र के रूप में जन्म लेते हैं। उन्हें लक्ष्मण के नाम से पहचाना जाता है। लक्ष्मण के रूप में नकुल ने अपने राज्य में सौंदर्य, कला और संस्कृति का प्रचार किया। उनके इस रूप में उनकी पुरानी योग्यताओं का प्रतिबिंब दिखाई देता है।

5.सहदेव का पुनर्जन्म

महाभारत के सबसे बुद्धिमान पांडव, सहदेव, कलयुग में भीम सिंह नामक राजा के पुत्र के रूप में जन्म लेते हैं। उन्हें देवी सिंह के नाम से जाना जाता है। सहदेव, जिन्हें ज्योतिष और गणना में महारत हासिल थी, अपने नए अवतार में भी इसी ज्ञान का प्रचार-प्रसार करते हैं और समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करते हैं।

6.कर्ण का पुनर्जन्म

महाभारत के महान योद्धा और सूर्यपुत्र कर्ण, कलयुग में तारक नामक सम्राट के रूप में पुनर्जन्म लेते हैं। तारक के रूप में, कर्ण ने अपनी शक्ति और वीरता का परिचय दिया। इस अवतार में भी कर्ण ने अपने पुराने गुणों, जैसे दानशीलता और साहस को बनाए रखा, और एक महान सम्राट के रूप में जाने गए।

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