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चिकित्सा शिक्षा मंत्री को प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का पत्रः मेडिकल फील्ड में प्रशासनिक अफसरों का काम नहीं

जबलपुर, यशभारत। प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को एक पत्र भेजकर कहा कि मेडिकल अस्पताल और काॅलेजों में राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की योजना तैयार की जा रही है। अगर ऐसा है तो प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।

प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन पदाधिकारियों ने पत्र में कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों एवं संबद्ध अस्पतालों के प्रबंधन हेतु राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की प्रशासक के रूप में नियुक्ति किए जाने के प्रस्ताव को मंगलवार कैबिनेट में लाया जा रहा है जोकि टर्शरी स्तर की चिकित्सा सेवा प्रदान करने वाले चिकित्सा संस्थाओं के हितों के बिल्कुल विपरीत है।

राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति बिगड़ेगी व्यवस्थाएं
प्रदेश के मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा और शोध के साथ टर्शरी स्तर की चिकित्सकीय उपचार सुविधा प्रदान करने के मुख्य आधार केंद्र है, जिनमें तकनीकी चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा पठन पाठन, उपचार और चिकित्सकीय शोध कार्य को संपादित किया जाता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के नियंत्रण हेतु राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रशासक के रूप में नियुक्ति किए जाने से चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालन की व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त होकर तकनीकी चिकित्सा शिक्षा संस्थानों को नौकरशाही के कुचक्र में डालने से संस्थानों की हत्या करने वाला कदम होगा।

चिकित्सा मंत्री को एसोसिएशन ने ये दिए सुझाव

– देश के किसी भी राज्य द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन हेतु राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नियुक्त नहीं किया गया है, तो फिर मध्यप्रदेश में चिकित्सा संस्थानों को तकनीकी स्वायत्तता और अधिक अधिकार देने के बजाय उनकी स्वतंत्रता को नष्ट करने की पहल क्यों की जा रही है।

– चिकित्सा शिक्षा और चिकित्सकीय उपचार दोनों ही अत्यंत क्लिष्ट और तकनीकी विषय है, जोकि चिकित्सा विशेषज्ञों का ही कार्यक्षेत्र है। अतः नौकरशाही जिसको चिकित्सा के क्षेत्र का कोई ज्ञान नहीं है उनको मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन की कमान देना टेक्नोक्रेट्स के कार्य स्वतंत्रता को समाप्त करने वाला कदम होगा।

-पूर्व से ही चिकित्सा महाविद्यालयों की स्वशासी संस्था की कार्यकारिणी समिति में 03 आई.ए.एस. अधिकारी संभागायुक्त, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा और संबंधित जिला के कलेक्टर सम्मिलित है, संभागायुक्त कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष के रूप में मेडिकल कॉलेज के दैनिक कार्य में सहयोग और हस्तक्षेप करते हैं।

-प्रदेश स्तर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग में भी 03 आई.ए.एस. अधिकारी नियुक्त है, विभागाध्यक्ष के रूप में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा जोकि मेडिकल कॉलेजों का निरंतर पर्यवेक्षण करते हैं। प्रमुख सचिव, सचिव और उप सचिव चिकित्सा शिक्षा मेडिकल कॉलेजों के लिये नीति निर्धारण का कार्य करते है। अतः इतने उत्कृष्ट प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्रबंधकीय कार्य को करने के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की नियुक्ति का प्रस्ताव चिंतनशील समझ से परे हैं ।

– प्रदेश के ही स्वास्थ्य विभाग में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की चिकित्सकों के स्थान पर हर स्तर पर नियुक्ति करने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी है और विभाग गर्त में है तो फिर इस तरह का प्रयोग चिकित्सा शिक्षा विभाग में क्यों किया जा रहा है।

इतना बड़ा निर्णय लिया गया संबंधित विभाग से पूछा नहीं गया
यह भी आश्चर्य का विषय है कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन हेतु राज्य प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के संबंध में इतना बड़ा नीतिगत निर्णय लेने के पूर्व स्टेक होल्डरर्स डॉक्टर और उनके संगठनों के साथ किसी भी तरह का विचार विमर्श और रायशुमारी नहीं की गई हैं।
मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध अस्पतालों के संचालन और प्रबंधन के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की आवश्यकता नहीं वरन मेडिकल कॉलेज के डीन एवं सुप्रिंटेंडेंट को अधिक अधिकार प्रदान किये जाने चाहिये एवं उनको सहयोग प्रदान करने हेतु प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में डभ्। ध् डठ। हॉस्पिटल मैनेजर्स, बायोमेडिकल इंजिनीयर, सिविल ध् इलेक्ट्रिकल इंजीनयर की विंग, मरीजों को सहयोग प्रदान करने हेतु च्त्व् को नियुक्ति प्रदान कर अधिक ताकत देने की आवश्यकता है।

तो फिर आंदोलन होगा
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने तकनीकी चिकित्सा संस्थाओं के हित को संरक्षित करने हेतु राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की प्रशासक के रूप में मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति के प्रस्ताव को प्रदेश की चिकित्सा संस्थाओं, चिकित्सकों और नामान्वित मरीजों के हित में खारिज करने के निर्देश जारी करें अन्यथा चिकित्सा शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश के चिकित्सक, अधिकारी, कर्मचारी आंदोलन हेतु विवश होंगे।

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