भोपाल

पुलिस को सेक्स रैकेट गिरोह से यावर खान के जुड़े होने का आंदेशा, जांच शुरू

पुलिस को सेक्स रैकेट गिरोह से यावर खान के जुड़े होने का आंदेशा, जांच शुरू
-पुलिस जल्द ही जांच पूरी कर बढ़ा सकती है संगठित अपराध की धारा

भोपाल, यशभारत। अशोका गार्डन थाना क्षेत्र की एक नाबालिग से दुष्कर्म और पॉक्सो मामले में गिरफ्तार वकील यावर खान की मुश्किले बंढ़ती नजर आ रही हैं। अब पुलिस संगठित अपराध के मामले में दर्ज केस में यावर की भूमिका की जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि अगर जांच में यावर की संलिप्तता पाई जाती है, तो पुलिस जल्दी ही उसके खिलाफ गंभीर संगठित अपराध की धारा बढ़ा सकती है।
जनकरी के मुताबिक अशोका गार्डन क्षेत्र से 20 जनवरी 2023 को एक नाबालिग लापता हुई थी। 23 जनवरी 2025 को उसे पुलिस ने ईशागढ़ जिला अशोक नगर से दस्तयाब किया था। पीडि़त बच्ची के माता-पिता का निधन हो चुका था। कोर्ट में दिए बयान में उसने बताया कि उसे बेचा गया और देह व्यापार के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद पुलिस ने 31 जनवरी 2025 को 31 लोगों के खिलाफ संगठित अपराध की धाराओं में एफआईआर दर्ज की।

जाल में फांस कर सेक्स रैकेट चलाता है गिरोह-
पुलिस की माने तो गिरोह नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाता और उनका सौदा कर बेचने के साथ सेक्स रैकेट चलाता था। इसमें आशुतोष बाजपेयी, महक यादव, मिथलेश पुरैना, निधि ठाकुर अग्रवाल, शशांक पोद्दार, डिंपी खान, मकबूल अली, अर्जुन पटेल, निशांत मोहाले, मोहम्मद नवेद, अंजलि मोहाले, सलमान कुरैशी, महेश धाकड़, कृष्णा धाकड़, शोभा विश्वकर्मा, रितुल कुमार पांडेय, कुलदीप उर्फ कुनाल, योगेश कुमार कुशराम, सुरेंद्र उर्फ सागर चौहान, इंद्र बहादुर सिंह, मोहित, पूजा उर्फ जोया, नितिन पाल, लक्की, देवांश और राज सोलंकी शामिल हैं।

गिरोह को यावर का संरक्षण था-
पुलिस जांच में सेक्स रैकेट चलाने वाले गिरोह के साथ यावर खान की भूमिका का पता चला है। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह को वकील यावर खान का संरक्षण प्राप्त था। हालांकि, जांच में यावर की भूमिका स्पष्ट होने के बाद ही उसे आरोपी बनाया जाएगा।

यावर के खिलाफ हाई कोर्ट में मामला लंबित-
बताया जा रहा है कि वकील यावर खान पर वर्ष 2013 में भी एक नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप लगा था, मामला हाई कोर्ट में लंबित है। ऐशबाग थाने में एक नाबालिग ने अपने दो सगे भाईयों पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। इस मामले में दोनों भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिया कि उसके भाइयों ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया, बल्कि वकील यावर खान और उनके साथी वकील फुकरान सहित 5 वकीलों ने यावर के ऑफिस में 5 दिन तक उसे रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने भाइयों पर केस दर्ज करवाने के लिए धमकाया था। इस बयान के आधार पर भाइयों को बरी कर दिया गया। वहीं, कोर्ट में नाम आने के बाद यावर व अन्य आरोपियों की जांच शुरू हो गई। इधर, यावर पक्ष ने भी पीडि़ता के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कराया और खुद पर दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने हाई कोर्ट पहुंचे। वर्ष 2017 में यही पीडि़ता यावर की ओर से दर्ज एफआईआर निरस्त कराने हाई कोर्ट पहुंची। अब दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ हो रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button