जबलपुरमध्य प्रदेशराज्य

टूरिस्ट परमिट पर चल रही यात्री बसें, परमिट के आधार पर आईएसबीटी में नहीं जाती बसें, सड़कों से बैठा रही सवारी, कागजों पर आने-जाने का कोई स्टॉल नही, बुकिंग के लिए ऑनलाइन साइट पर टाइमिंग निर्धारित

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जबलपुर यश भारत। जबलपुर से दूसरे जिलों और अन्य प्रदेशों के लिए जाने वाली लग्जरी बसों में परमिट को लेकर बड़ा गोलमाल चल रहा है। जिसमें ज्यादातर लग्जरी बस संचालक टूरिस्ट परमिट के आधार पर बसों का संचालन कर रहे हैं और बुकिंग कर के निर्धारित समय पर निश्चित रूट पर सवारियां बैठा रहे हैं। जिसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को सब कुछ मालूम होते हुए भी खामोश बैठे हैं। जिसे सबसे बड़ी समस्या ट्रैफिक की आ रही है। क्योंकि इन बसों का कोई रूट परमिट नहीं होता है ऐसे में वह आईएसबीटी से सावरी न बैठा कर मनमर्जी से सवारी बैठा रहे हैं जिस कारण दीनदयाल चौक पर जाम की स्थिति बनी रहती है।

ऐसे चल रहा खेल

जबलपुर से जो लग्जरी बस भोपाल, इंदौर, नागपुर, इलाहाबाद, बनारस, हैदराबाद व अन्य शहरों के लिए जा रही हैं उनमें से ज्यादातर टूरिस्ट परमिट पर है, याने उनका ऑल इंडिया परमिट होता है जो पूरी इंडिया में कहीं भी अपनी बस चला सकते हैं लेकिन इसके लिए कोई रूट डिसाइड नहीं होता है कोई टाइमिंग डिसाइड नहीं होती है। यह बसें टूरिस्ट के नाम पर सवारियों को ले जाती हैं इसका फायदा इन्हें यह होता है कि इन्हें टूरिस्ट परमिट के चलते बस स्टैंड के अंदर नहीं जाना पड़ता और इन्हें अपने स्थान से सवारी बैठाने की छूट रहती है, लेकिन यह छूट किसी रूट विशेष या टाइमिंग विशेष के लिए नहीं रहती है। बस संचालक टूरिस्ट परमिट की आड़ में रूट निर्धारित करके निर्धारित समय पर सवारियां बैठालते हैं जो की पूरी तरह से नियम विरोध है।

सड़कों पर लग रहा है जाम

पहली बात तो यह है कि टूरिस्ट परमिट के नाम पर यात्री बसें चलाई जा रही हैं और फिर परमिट की आड़ में यह गाड़ियां दिन भर सड़कों पर खड़ी रहती हैं। जबकि इसके लिए भी स्पष्ट नियम है कि टूरिस्ट बस अपने स्थान के अंदर ही खड़ी होगी और वहां से ही सवारी बैठा सकती है। लेकिन दीनदयाल चौक के आसपास खास तौर पर बालाजी हाइट के सामने दिनभर इन बसों का जमावड़ा लगा रहता है और इनमें सवारी लाने ले जाने के लिए ऑटो खड़े रहते हैं जो की जाम का प्रमुख कारण बनता है।

अधिकारियों ने आंखों पर बंधी पट्टी

इस पूरे मामले में संबंधित अधिकारी पूरी तरह से आंखें बंद किए हुए हैं एक ओर जहां ट्रैफिक विभाग सड़कों से बसों के संचालक पर अपनी मोन सहमति दे रहा है वहीं दूसरी तरफ आरटीओ के अधिकारी टूरिस्ट परमिट के नाम पर चल रही यात्री बसों को लेकर पूरी तरह से खामोश है। जबकि विभिन्न ऑनलाइन साइट पर इन बसों की टाइमिंग और रूट दिखाए जाते हैं । जिनके आधार पर यह बुकिंग लेते हैं जो यह स्पष्ट करने के लिए काफी है कि टूरिस्ट परमिट के नाम पर यात्री बसें चलाई जा रही है । जबकि बस निर्धारित समय पर एक ही रूट पर चल रही है और बुकिंग ले रही हैं तो फिर यह टूरिस्ट बस कैसे मानी जा रही है।

 

जिन बसों का टूरिस्ट परमिट होता है उन्हें स्टॉल नहीं दिया जाता है। जिसके चलते वे अपने निजी स्थान से संचालित होती हैं, लेकिन यह सड़कों पर खड़ी नहीं हो सकती और न ही वहां से संचालित हो सकती हैं और यदि टूरिस्ट परमिट पर सवारी बसों का संचालन होता है तो चालानी कार्यवाही की जाती है।

जितेंद्र रघुवंशी
आरटीओ जबलपुर

यदि सड़कों से बसों का संचालन होगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो भी बस निर्धारित स्थान से संचालित नहीं हो रही है उसको लेकर कार्रवाई होगी। साथ ही साथ जिम्मेदार संस्थाओं को भी इन पर नियम अनुसार कार्यवाही करना चाहिए।

प्रदीप शेंडे
एडिशनल एसपी ट्रैफिक

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