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श्मशान की जमीन पर अपनों की ‘कृपा’! दो पूर्व सरपंच, सचिव और रिश्तेदारों पर EOW का शिकंजा

सरकारी जमीन पर अवैध पट्टे और चहेतों को ठेके देकर भ्रष्टाचार का आरोप, सात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

उज्जैन/नीमच: मध्य प्रदेश के नीमच जिले के ग्राम अल्हेड़ में शासकीय संपत्ति के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) उज्जैन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो तत्कालीन महिला सरपंचों, एक सचिव और उनके रिश्तेदारों सहित कुल सात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में FIR दर्ज की है। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर शासकीय श्मशान घाट की बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से पट्टे जारी किए और ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के ठेके अपने ही परिजनों की फर्मों को देकर लाखों रुपये का आर्थिक लाभ पहुंचाया। इस खुलासे से पंचायत राज व्यवस्था में भ्रष्टाचार की गहरी पैठ उजागर हुई है।

EOW की जांच में परत-दर-परत भ्रष्टाचार की कहानी सामने आई। वर्ष 2015 में ग्राम पंचायत अल्हेड़ की तत्कालीन सरपंच श्रीमती अंगूरबाला माली और सचिव श्रीमती सुगना साल्वी ने पंचायत भवन की मरम्मत के लिए स्वीकृत ₹1,68,500 की राशि को धोखे से बाउंड्रीवॉल निर्माण में दर्शा दिया। आरोप है कि उन्होंने मरम्मत कार्य को पोर्टल पर छिपाकर बाउंड्रीवॉल निर्माण दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।

इससे भी गंभीर मामला शासकीय श्मशान घाट की जमीन पर अवैध पट्टे जारी करने का है। तत्कालीन सरपंच श्रीमती संपत्ति बाई ने वर्ष 2005 में ज्ञानचंद माली और मथुरालाल माली नामक व्यक्तियों को श्मशान की जमीन पर आवासीय पट्टे दे दिए, जो सरासर नियमों का उल्लंघन था। इसके बाद, वर्ष 2017 में जब तत्कालीन सरपंच अंगूरबाला माली और सचिव सुगना साल्वी को यह पता था कि पट्टे पर एक साल में निर्माण न होने पर वह स्वतः निरस्त हो जाता है और यह जमीन श्मशान की है, फिर भी उन्होंने ज्ञानचंद माली को भवन निर्माण की अनुमति देकर उसे अनुचित लाभ पहुंचाया।

भ्रष्टाचार की जड़ें और गहरी पाई गईं जब जांच में सामने आया कि तत्कालीन सचिव सुगना साल्वी ने अपने कार्यकाल (2015-2020) में ग्राम पंचायत अधिनियम का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करते हुए अपने पति चंपालाल साल्वी की फर्म ‘दिशा कंस्ट्रक्शन’ को ठेके दिए और भुगतान किया। इसी राह पर चलते हुए, तत्कालीन सरपंच अंगूरबाला माली ने भी अपने बेटे अर्जुन माली की फर्म ‘याचिका कंस्ट्रक्शन’ को फायदा पहुंचाया।

EOW उज्जैन की टीम ने इस संगठित भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करते हुए सभी सात आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120-बी भा.द.वि. और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। EOW अब इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके और सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करने वालों के लिए यह एक सबक साबित हो।

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