ग्वालियरजबलपुरभोपालमध्य प्रदेशराज्य

ओबीसी नीट परीक्षा: हाईकोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिए जाने पर मप्र शासन को दिया नोटिस

जबलपुर –  मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नीट काउंसलिंग 2023 में की गई व्यापक पैमाने पर धांधलियो को ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन सहित छात्र सूर्यकांत लोधी तथा अजय प्रताप सिंह द्वारा संयुक्त रूप से जनहित याचिका क्रमांक 27754/2023 (PIL) दायर की गई हैं! याचिका की प्रारंभिक सुनवाई आज मुख्य न्यायमूर्ति रवि मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ द्वारा की गई ! याचिका कर्ताओ की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया की मध्य प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 मे मध्य प्रदेश विधान सभा द्वारा 14/7/23 को संशोधन करके ओबीसी की 51% आवादी को दृष्टिगत रखते हुए 27% आरक्षण लागु किया गया हैं तथा दिनांक 10/5/2023 को मध्य प्रदेश शासन द्वारा शासकीय स्कूल मे कक्षा 6 से 12 तक अध्ययन करने बाले छात्रों को 5% नीट mbbs मे प्रवेश हेतु होरीजोंटल आरक्षण लागू किया गया, लेकिन काउंसलिंग के दौरान सर्व प्रथम शासन के प्राधिकारियो ने अनारक्षित सीटों के बजाए आरक्षित सीटों को भरा गया जिसके कारण आरक्षित वर्ग मे समस्त प्रतिभावान् अभ्यर्थियों को उनके ही वर्ग मे सिलेक्ट करने के कारण ओबीसी की कट आफ 463 अंक तथा अनारक्षित वर्ग का 397 अंक नियत की गई एवं जी.एस. आरक्षण की सीटों को अवैधानिक रूप से प्राइवेट मेडिकल कालेजों को आवंटित कर दी गई !

प्रदेश के 27 मेडिकल संस्थाओ मे MBBS पाठ्यक्रम प्रवेश मे प्रवेश मे ओबीसी को 14% आरक्षण दिया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इंद्रा शाहनी वनाम भारत संघ, नेल आरलियों नन्स बनाम भारत संघ मे सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया हैं की संविधान के अनुच्छेद 15(4) एवं 15(5) के तहत प्रदत्त आरक्षण की अधिकतम सीमा नियत नहीं की जा सकती हैं, तत सम्वन्ध मे संविधान के 93 वे संशोधन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अशोक कुमार ठाकुर वनाम भारत संघ मे उचित करार दिया गया हैं तथा भारत सरकार द्वारा दिनांक 29/7/2021 को मेडिकल मे ओबीसी को 27% तथा EWS को 10% आरक्षण लागू किया गया हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट ने याचिका क्रमांक WP (C) 1105/2021 मे दिनांक 07/01/2022 को अंतरिम आदेश पारित करके ओबीसी के 27% आरक्षण को उचित मान्य किया गया हैं तथा आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% को ख़ारिज भी किया गया हैं फिर भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी को मात्र 14% आरक्षण दिया गया हैं !
न्यायलय द्वारा उक्त तर्कों को गंभीरता से लेते हुए अनावेदको को नोटिस जारी करके चार सप्ताह के अंदर जबाब तलब किया हैं ! याचिका कर्ताओ की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह,रूप सिंह मरावी,रामभजन लोधी ने की!

Related Articles

Back to top button
WhatsApp Icon Join Youtube Channel