जबलपुरमध्य प्रदेश
नई होंडा एक्टिवा में गंभीर खराबी, उपभोक्ता फोरम ने कंपनी और डीलर को भेजा नोटिस
महिला की शिकायत: दस किलोमीटर में ही खत्म हो रहा एक लीटर पेट्रोल, चलते-चलते बंद हो जाती है स्कूटी

जबलपुर। जबलपुर की एक कामकाजी महिला द्वारा खरीदी गई नई होंडा एक्टिवा स्कूटी में लगातार गंभीर खराबी आने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड,
और उसके स्थानीय डीलर फ्रंटियर होंडा , पनागर रिलायंस पेट्रोल पंप के पास जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता श्यामा रैकवार, जो अपने परिवार की एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं, ने बताया कि उन्होंने पिछले साल 6 अगस्त को उक्त फ्रंटियर होंडा से 1,00,959 रुपये में होंडा एक्टिवा (DLX) स्कूटी लोन लेकर खरीदा था। उनका आरोप है कि खरीदे जाने के महज 15 दिन बाद यानी 16 अगस्त, 2024 से ही वाहन में गंभीर खराबियां आनी शुरू हो गईं।
इन समस्याओं की शिकायत
श्रीमती रैकवार ने आयोग में दायर अपनी शिकायत में वाहन दोष बताते हुए कहा कि खरीदने के बाद से ही वाहन चलते-चलते अचानक बंद हो जाता था, जिससे सड़क पर गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा होता था।बंद होने के बाद वाहन का सेल्फ-स्टार्ट और किक-स्टार्ट दोनों ही काम नहीं करते थे।वाहन में बेहद अधिक ईंधन खपत हो रहा था, लगभग 10 किलोमीटर में ही एक लीटर पेट्रोल खत्म हो जाता था।
वाहन बंद होने के बाद उसके सभी इलेक्ट्रिकल पार्ट्स जैसे इंडिकेटर और लाइटें भी फेल हो जाते थे।वाहन को चालू करने में लगातार परेशानी होती थी।
बार-बार शिकायत के बाद भी नहीं मिला निदान
शिकायत के मुताबिक, इन खराबियों के बावजूद जब भी श्रीमती रैकवार ने डीलर से संपर्क किया, तो उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया। आरोप है कि डीलरशिप के प्रबंधक म ने समस्या को ‘सामान्य समस्या’ या ‘छोटी खराबी’ बताते हुए बार-बार सर्विसिंग करवाई, लेकिन खराबी दूर नहीं हुई। अंतिम बार 15 अप्रैल, 2025 को सर्विसिंग के बाद भी स्कूटी पूरी तरह से खराब पड़ी है और चलने लायक नहीं है।
क्या मांगी गई है राहत?
शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता आयोग से यह निर्देश देने की मांग की है कि विपक्षी पक्ष (होंडा कंपनी और उसका डीलर) या तो उनकी स्कूटी की जगह एक नई स्कूटी दें या पूरी खरीद राशि वापस लौटाएं। इसके अलावा, मानसिक परेशानी, आय के नुकसान और लोन की अनावश्यक किश्तों का बोझ के कारण मानसिक तनाव और अन्य खर्चों के लिए 3,00,000 रुपये के मुआवजे की भी मांग की गई है। शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता असीम त्रिवेदी , पंकज तिवारी,अरविंद सिंह चौहान, शुभम पाटकर ने पैरवी की।







