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मोदी कैबिनेट ने वक्फ संशोधन विधेयक को दी मंजूरी, संसद सत्र में पेश करेगी सरकार

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को मंजूरी दे दी है, जिसे पारदर्शिता और प्रभावी प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। सरकार इसे 10 मार्च से शुरू होने वाले संसद सत्र में पेश कर सकती है, जो 4 अप्रैल तक चलेगा।

इससे पहले 13 फरवरी को वक्फ विधेयक पर संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद में पेश की गई थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर नए विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया गया, जिसे अब कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।

क्या है वक्फ संपत्ति?
इस्लामिक परंपरा में वक्फ एक धार्मिक दान होता है, जिसके तहत संपत्ति को धार्मिक और सामाजिक कल्याण के लिए दान किया जाता है। वक्फ संपत्ति को न तो बेचा जा सकता है और न ही किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि इसे “ईश्वर की संपत्ति” माना जाता है।

विधेयक का नया नाम – “UMEED Bill”
सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का नाम बदलकर “एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास (UMEED) विधेयक” कर दिया है। यह नाम विधेयक के उद्देश्यों – बेहतर प्रशासन, सशक्तिकरण और विकास – को दर्शाता है।

मुख्य संशोधन और प्रावधान:
🔹 महिला सशक्तिकरण:
राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में दो मुस्लिम महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रावधान बरकरार रखा गया है।

🔹 ओबीसी समुदाय का प्रतिनिधित्व:
राज्य वक्फ बोर्ड में अब एक मुस्लिम ओबीसी प्रतिनिधि भी शामिल होगा, जिससे समुदाय की भागीदारी बढ़ेगी।

🔹 अलग वक्फ बोर्ड:
आगा खानी और बोहरा समुदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड बनाने का प्रावधान किया जा सकता है।

🔹 महिलाओं का उत्तराधिकार अधिकार:
वक्फ अलल औलाद (पारिवारिक वक्फ) के तहत अब तभी वक्फ बनाया जा सकेगा, जब महिला वारिसों को उनका उचित अधिकार मिलेगा।

🔹 सरकारी संपत्तियों पर दावे:
यदि कोई सरकारी संपत्ति वक्फ घोषित की जाती है, तो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी उसकी जांच करेगा। जब तक रिपोर्ट पूरी नहीं होगी, संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।

🔹 विवादित संपत्तियों का समाधान:
जो वक्फ संपत्तियां कानूनी विवाद में हैं या सरकारी स्वामित्व में हैं, उन्हें वक्फ द्वारा उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।

🔹 ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली:
वक्फ संपत्तियों का पूरा डेटा केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।

🔹 वक्फ ट्रस्ट और ट्रस्ट लॉ:
जो मुस्लिम ट्रस्ट वक्फ की तरह कार्य कर रहे हैं लेकिन ट्रस्ट कानूनों के तहत आते हैं, उन्हें वक्फ अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।

🔹 ट्रिब्यूनल के फैसलों की अपील:
अब वक्फ ट्रिब्यूनल के निर्णयों को 90 दिनों के भीतर हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।

🔹 वक्फ संपत्तियों की आय:
वक्फ अलल औलाद से प्राप्त धन का उपयोग अब विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों की सहायता के लिए किया जा सकेगा।

विपक्ष की आपत्ति और सरकार का रुख
विपक्षी दलों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति जताई थी, लेकिन सरकार ने उनके सभी संशोधन खारिज कर दिए। वहीं, BJP और NDA के सांसदों द्वारा सुझाए गए संशोधन विधेयक में शामिल किए गए।

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