मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी, वेबसाइट से हटाए गए पुराने परिणाम छात्र संघ का आरोप, गड़बड़ी के चलते किया गया

जबलपुर, यशभारत। मप्र आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी ने अपने वेबसाइट से पुराने परीक्षा परिणामों को हटा दिया है। इसके पीछे का कारण वेबसाइट में वर्कलोड ज्यादा बढऩा बताया जा रहा है। इधर छात्र संगठन का आरोप है कि
वैस तो मेडिकल यूनिवर्सिटी के में जो हो वह कम है। कभी कापी गीली कभी कापी जलना फिर कभी कापी के बंडल बाहर मिलना तो कभी पास स्टूडेंट को फेल तो कभी अनुपस्थित स्टूडेंट को पास कर देना तो कभी डिप्लोमा वाले को डिग्री प्रदान करना मेडिकल यूनिवर्सिटी संभव है। मगर इस बार हड़कम्प मचा हुआ है वेवसाइट से रिज़ल्ट का एक दम से हटाना किसी के गले नही उतर रहा जहा छात्र के मन में तरह तरह के प्रश्न उठ रहे की आखिर किस इरादे से एका एक रिज़ल्ट हटाए गये। वही छात्र संगठन इसे किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारियों कि कमेटी बनाकर जाँच की माँग करने की बात कह रहे।
पहले संशोधित रिज़ल्ट हटाए ओर अब सभी रिज़ल्ट
विश्वविद्यालय में लगातार हो रही टाइपिंग। मिसटेक के नाम पर हो रहे रिज़ल्ट सुधार के बाद विश्वविद्यालय के जि़म्मेदार अधिकारियों दुआरा संशोधित किए हुए अब तक सभी रिज़ल्ट को भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से हटा दिया गया था
छात्र संगठन का आरोप घोटाले की बू आ रही हे
अभिषेक पांडेय अध्यक्ष मध्यप्रदेश छात्र संघ का कहना है कि विश्वविद्यालय में लगातार भ्रष्टाचार सामने आ रहा है। नम्बर का घटना बढऩा टाइपिंग मिसटेक के नाम पर नम्बर बदलना कापी गीली होना ओर जब कार्यपरिषद जाँच कमेटी बनता तो जाँच कराने से मना करना ओर बैक डेट में अपने पसंद के अधिकारियों से जाँच कराकर प्रभावित करना कार्यपरिषद को अधिकारियों द्वारा गुमराह करना ओर अब रिज़ल्ट को वेबसाइट से हटना विश्वविद्यालय में हो रहे किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा है। हम। इन पूरेे प्रकरण की रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी बनाकर निष्पक्ष जाँच की माग करते है।