जबलपुर कलेक्टर ने राज्यसभा सांसद का किया अपमान: सुमित्राबाल्मीक ने कहा जबलपुर का प्रशासन लापरवाह

जबलपुर, यशभारत। राज्यसभा सांसद और पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सुमित्रा बाल्मीक का कलेक्टर सौरभ कुमार निगम और जिला प्रशासन के खिलाफ बड़ा बयान सामने आया है। राज्यसभा सांसद ने कहा कि योग दिवस के मौके पर उनका अपमान किया गया है, मालूम होने के बाबजूद कलेक्टर और जिला प्रशासन ने उनकी कुर्सी आयोजन स्थल पर नहीं रखी जिसके बाद वह पीछे जाकर बैठ गई। जिला प्रशासन के अधिकारियों को अच्छी तरह से मालूम था कि योग कार्यक्रम को लेकर वह शहर में है और वह उपराष्ट्रपति के पूरे कार्यक्रम में मौजूूद थी बाबजूद प्रोटोकाल के तहत उनकी कुर्सी आयोजन स्थल पर नहीं रखी गई। सुुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि बीते दिनों एयरपोर्ट पर छोटे अधिकारियों की गाडिय़ां भी रनवे पर जा रही थी, लेकिन उनके वाहन को प्रशासन ने रोक दिया. वहीं उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के कारकेड में राज्यसभा सांसद की गाड़ी को इतने पीछे लगा दिया जाता है कि उनकी मुलाकात ही मुख्यमंत्री से नहीं हो पाती
उपराष्ट्रपति दूसरे सर्किट हाऊस में कैसे पहुंच गए
राज्यसभा सांसद ने आरोप लगाते हुए बताया कि जिला प्रशासन जानबूझकर लापरवाही कर रही है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उपराष्ट्रपति को जो सर्किट हाऊस उपलब्ध होना था वो हुआ नहीं बाद में दूसरे सर्किट हाऊस में उनको ठहराया गया।
कार्ड से नाम गायब, सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से की शिकायत
सुमित्रा वाल्मीकि को एक आपत्ति यह भी है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम के मौके पर आमंत्रण पत्र बांटे गए हैं. उनमें भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सांसद का ही नाम गायब कर दिया गया. सुमित्रा वाल्मीकि का कहना है कि या तो यह जानबूझकर किया जा रहा है या फिर हो सकता है इसमें किसी की चाल हो. बहरहाल सुमित्रा वाल्मीकि ने अपने साथ हो रहे इस बर्ताव की जानकारी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भी दी है। उनका कहना है कि राज्यसभा सांसद के पद का सम्मान करना प्रशासनिक अधिकारियों की संवैधानिक जिम्मेदारी है. यदि वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं तो उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए।