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अवैध वेंडर ने पैंट्री कार मैनेजर को दी जान से मारने की धमकी: वलसाड पुरी ट्रेन का मामला . एक वेंडर को आरपीएफ के सुपुर्द किया

 

 

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जबलपुर यशभारत।
वाणिज्य विभाग एवं आरपीएफ द्वारा अवैध वेंडरों की रोकथाम के लिए लाख प्रयास किए जाएं बावजूद इसके यह अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिसका एक ताजा उदाहरण 12 जुलाई को वलसाड से चलकर पुरी जाने वाली गाड़ी संख्या 22909 के पेंट्री मैनेजर संदीप कुमार के साथ न केवल इटारसी के अवैध वैडरौ द्वारा गाली गलौज की बल्कि उसको जान से करने की धमकी तक दे डाली। बाद में एक वेंडर को इटारसी से पैंट्री कार मैं बिठाकर कर उसे जबलपुर लाया गया जहां पर पैंट्री कार मैनेजर द्वारा आरपीएफ के सुपुर्द कर दिया गया। इस संबंध में पैंट्री कार मैनेजर ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी आरपीएफ को भेजी गई। जिसमें उल्लेख किया गया है कि इटारसी स्टेशन से साहिद खान अबैध वेंडरों को चलाता है और अबैध वेंडरों की यह फौज जबलपुर से कटनी तक ट्रेनों मे यात्रियों को पर्चा देकर खाना बुक किया जाता है। सूत्रों ने बताया कि यह अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। उल्लेखनीय है कि जबलपुर से गुजरने वाली कई ट्रेनों में व रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडर खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। हालांकि इन पर रेलवे के अधिकारियों की नजर रहती है लेकिन कोई भी इन्हें रोकता नहीं है। रेलवे स्टेशन पर स्टाल संचालक भी अवैध वेंडरों से परेशान है। उनका कहना है कि अवैध रुप से रेलवे स्टेशन पर सामग्री बेचने से उनकी स्टालों पर कोई नहीं आता है। जानकारी के अनुसार अवैध वेंडर ट्रेनों के अंदर जाकर खुलेआम यात्रियों को खाना बेच रहे है। लेेकिन कार्रवाई किसी के ऊपर नहीं हो रही है। हैरानी की बात तो यह है कि रेलवे प्रशासन की ओर से अवैध वेंडरों को पकड़ कर आरपीएफ के हवाले किया जाता है। बावजूद इन पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
अवैध वेंडरों के बंटे अलग-अलग क्षेत्र
सूत्रों के अनुसार जबलपुर से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनों में अवैध वेंडरों के क्षेत्र बंटे हुए हैं। जिसमें इटारसी नरसिंहपुर गाडरवारा जबलपुर कटनी सतना सहित अन्य स्टेशन पर तक ये अलग-अलग झुंडों में खाद्य सामग्री बेचते हैं। इनको मौन स्वीकृति किसने दी है, यह कोई बोलने वाला नहीं है। इधर रेलवे सूत्रों ने बताया कि अवैध रूप से खाद्य सामग्री बेचने वालों के पास ना तो कोई टिकट होता है, ना ही इनके पास कोई लाइसेंस होता है। इसके बावजूद रेल चल टिकट निरीक्षक भी इन्हें नहीं पकड़ते।
यात्रियों की सेहत से भी खिलवाड़
अवैध तरीके से खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडर यात्रियों की सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं। पंजीकृत नहीं होने के कारण इन पर नियमों की पालना व अन्य मापदंडों की पूर्ति करने का भी कोई दवाब नहीं होता जबकि पंजीकृत वेंडरों को रेलवे के नियमों का पालन करना होता है।
इटारसी से सतना के बीच चल रहे 150 अबैध वेंडर
स्टेशन एवं रनिंग ट्रेनों में जिस तरह से अवैध वैडरो की भीड़ देखी जा सकती है उससे यह जाहिर होता है कि इनको कहीं ना कहीं से संबंधितों की मोहन स्वीकृति है। इस संबंध में रेलवे सूत्रों की माने तो इटारसी से लेकर सतना तक 150 अवैध वैडरो की फौज चल रही है। ऐसा ही नहीं इनके विरुद्ध वाणिज्य विभाग द्वारा कार्रवाई भी की जाती है धरपकड़ की कारवाई भी की जाती है इसके बावजूद भी इस कारोबार में लिप्त पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कार्रवाई के बाद कुछ समय के लिए यह अवैध वेंडर नहीं दिखते किंतु जैसे ही आरपीएफ एवं वाणिज्य विभाग की लगाम ढीली होती है यह पुनः अवैध कारोबार में लिप्त हो जाते हैं।

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