EOW की बड़ी कार्रवाई: इंदौर में एक लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए पटवरी रंगे हाथ पकड़ा

जबलपुर यश भारत।शिकायतकर्ता देवेन्द्र नरवरिया, पिता कैलाश नरवरिया निवासी बाणगंगा इंदौर, द्वारा ईओडब्लयू इंदौर में 21 फरवरी को शिकायत की गई थी कि उसकी माताजी एवं मामा की भूमि जो पीथमपुर में स्थित है, जिसके बंटवारे का प्रकरण तहसीलदार कार्यालय पीथमपुर में लंबित है। इस प्रकरण में स्थल निरीक्षण रिपोर्ट देने के लिए वहां पदस्थ हल्का पटवारी प्रशांत त्रिपाठी द्वारा तीन लाख रूपये की रिश्वत मांगी जा रही है। आरोपी उक्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए ईओडब्लयू द्वारा आरोपी प्रशांत त्रिपाठी, पटवारी पीथमपुर, कार्यालय विकास भवन, पीथमपुर, जिला धार के विरूद्ध कार्यवाही की रणनीति तैयार कर विशेष दल का गठन किया। सूचना में पुष्टिकारक साक्ष्य होने से ट्रैप दल पीथमपुर रवाना किया गया। मौके पर कार्यवाही शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया कि, आरोपी एक लाख रूपया पूर्व में ले चुका है एवं एक लाख की किश्त आज लेने के लिये दबाव बना रहा है। ईओडब्लयू की टीम द्वारा पूर्व से तैयार रणनीति के तहत रिश्वत की राशि आरोपी को देने हेतु शिकायतकर्ता को उसके कार्यालय में भेजा गया। आरोपी द्वारा कार्यालय से बाहर आकर हाउसिंग चौराहा, शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास पीथमपुर में आरोपी को अपने निजी वाहन में बिठाकर रिश्वत की राशि एक लाख रूपये प्राप्त कर ली। शिकायतकर्ता द्वारा रिश्वत देने के उपरांत पूर्व से तय संकेत दिखा कर ईओडब्लयू की टीम को सूचित किया गया जिस पर तत्काल टीम द्वारा अरोपी को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथों हिरासत में लिया गया है। एफआईआर आरोपी द्वारा शासकीय कार्य करने के एवज में रिश्वत मांगने एवं लेने के तकनीकि एवं डिजिटल साक्ष्य होने तथा मौके पर रंगे हाथों पकड़े जाने के साक्ष्य के आधार पर धारा 7 (सी) भ्र०नि०अ० के तहत प्रकरण पंजीकृत कर विवेचना में लिया गया है। ईओडब्लयू इंदौर की टीम द्वारा मौके पर कार्यवाही की जा रही है दल में 01 डी०एस०पी०, 4 निरीक्षक सहित 08 अन्य सदस्य सम्मिलित हैं। आरोपी द्वारा प्राप्त की गई रिश्वत में अन्य किन-किन अधिकारियों की भूमिका है इसकी भी जांच की जाएगी।