
भोपाल। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच भोपाल के नाम और फोटोग्राफ का दुरुपयोग कर फेक फेसबुक प्रोफाइल बनाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को भोपाल पुलिस की साइबर टीम ने राजस्थान के अलवर से पकड़ा है। इनमें एक नाबालिग और दूसरा एक पी.ओ.एस. एजेंट शामिल है।
फर्जीवाड़े का खुलासा
शिकायत मिलने पर साइबर टीम ने जांच शुरू की। पता चला कि किसी ने अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त की नकली फेसबुक आईडी बनाकर लोगों को धोखे में डालने की कोशिश की थी।
ठगी का तरीका
जांच में सामने आया कि एक पी.ओ.एस. एजेंट बीरबल प्रजापत ने एक नाबालिग को बहला-फुसलाकर उसके नाम से सिमकार्ड एक्टिवेट करवाया। इसके बदले में नाबालिग को 1500 रुपये दिए गए। बाद में बीरबल ने वही सिमकार्ड एक सायबर ठग को 3000 रुपये में बेच दिया। उसी सिम से अधिकारी के नाम की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल चलाई जा रही थी।
पुलिस कार्रवाई
तकनीकी जानकारी के आधार पर अलवर जिले के मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में दबिश देकर एक नाबालिग व बीरबल प्रजापत (उम्र 40 वर्ष, निवासी लक्ष्मणगढ़, अलवर) को अभिरक्षा में लिया गया। पूछताछ में दोनों ने अपराध कबूल कर लिया।
कानूनी धाराएं
इस मामले में IT एक्ट की धारा 66 (सी) के तहत FIR दर्ज की गई थी। आगे की जांच में भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) और 204 भी जोड़ी गई हैं। दोनों को न्यायालय में पेश होने के लिए नोटिस तामील कराया गया है।
आरोपियों की जानकारी:
1. विधि विरुद्ध बालक – 5वीं पास, कृषि कार्य करता है, अपराध में प्रयुक्त सिम अपने नाम से एक्टिवेट कर बेचा।
2. बीरबल प्रजापत – 12वीं पास, मोबाइल रिपेयरिंग व पी.ओ.एस. एजेंट, सिमकार्ड एक्टिवेट करवा कर ठग को बेचा।
पुलिस टीम:
इस कार्रवाई को निरीक्षक सुरेश फरकले, उनि सुनील रघुवंशी, प्रआर दीपक चौबे, प्रआर आदित्य साहू, आरक्षक मोहित शर्मा, अभिषेक, जितेन्द्र मेहरा और लालजीत बरेलिया की टीम ने अंजाम दिया।
निष्कर्ष:
यह मामला न सिर्फ फेक सोशल मीडिया प्रोफाइल से जुड़े खतरे को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे सस्ते लालच में आकर नाबालिगों का साइबर क्राइम में इस्तेमाल किया जा रहा है। भोपाल पुलिस की यह कार्रवाई डिजिटल सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम है।