सिविक सेंटर में कोयला खदान कर्मचारियों ने किया घेराव, कई राज्यों के कर्मचारी रहे शामिल

कोयला खदानों में ठेके पर काम करने वाले श्रमिक और छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के युवा आज सिविक सेंटर स्थित श्रम मंत्रालय के कार्यालय पहुंचे। इन लोगों का आरोप है कि कंपनी ने अर्द्धशासकीय नौकरी का झांसा देकर ट्रेनिंग के नाम पर इन लोगों से मजदूरी कराई गई। लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी इन्हें परमानेंट नहीं किया गया है। नाराज श्रमिकों ने कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया और नौकरी दिए जाने की मांग उठाई है।
सोनभद्र निवासी विवेक सिंह ने बताया कि उन्हें एक साल की माइन में काम करने की ट्रेनिंग के बाद नौकरी का वादा किया गया था। कंपनी ने बजाए ट्रेनिंग देने के खदान में मजदूरों की तरह काम कराया, लेकिन बावजूद उसके ज्वाइनिंग नहीं दी जा रही है। इसी तरह छत्तीसगढ़ से आए विजेंद्र ने बताया कि उन्हें भी अर्द्धशासकीय नौकरी का हवाला दिया गया था और महीनों तक ट्रेनिंग के नाम पर मजदूरी करा ली गई। फिटनेस भी कराया गया लेकिन वे 2008 से ही ठेका मजदूर ही हैं।
काफी देर तक चले मजदूरों के प्रदर्शन के बावजूद काफी देर तक विभाग का कोई भी अधिकारी मजदूरों की बात सुनने नहीं आया। महज शिकायत लेने के बाद जांच और कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें चलता कर दिया गया।