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90 से 95 प्रतिशत बच्चों का ब्लड कैंसर ठीक होता है, मेडिकल अस्पताल में भर्ती है 150 पीड़ित बच्चे

Blood cancer of 90 to 95 percent children is cured, 150 suffering children are admitted in the medical hospital.

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जबलपुर, यशभारत। आधुनिक दुनिया में जी कर हम खुद को बहुत बड़े जागरूक मानते हैं परंतु आज भी लोगों में जागरूकता की कमी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कैंसर इंस्टीट्यूट में इलाज कराने आया सिंगरौली का एक परिवार।
दरअसल 5 साल के बच्चे को ब्लड कैंसर की शिकायत थी उसका इलाज कराने वह मेडिकल अस्पताल पहंुचे जहां से उन्हें कैंसर इंस्टीटयूट भेज दिया गया। यहां बच्चे का पूरा चेकअप होने के बाद भर्ती होने के लिए बोला तो परिवार के सदस्य भड़क गए और बच्चे का इलाज कराने से मना कर दिया। इंस्टीटयूट के डाॅक्टरों ने परिवार को समझाया मगर वो नहीं माने और बच्चे को डिस्चार्ज कराके ले गए।

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कैंसर से पीड़ित 150 बच्चों का हो रहा इलाज
स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में करीब 150 ऐसे बच्चों का इलाज जारी है जो कैंसर से पीड़ित है। करीब 65 बच्चे ब्लड कैंसर से पीड़ित है और सभी का सफल इलाज जारी है जिसमें कुछ बच्चे ठीक होने की कगार पर है। बताया जा रहा है कि लोगों में जागरूकता की कमी के कारण कैंसर से बच्चों की असमय मौत हो रही हैं।

2 साल के अंदर ठीक हो जाते है मरीज
शिशु रोग विशेषज्ञ और चाइल्ड कैंसर प्रमुख डाॅक्टर श्वेता पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों में ब्लड कैंसर तेजी से बढ़ रहा है परंतु इससे डरने की जरूरत नहीं है। लोगों को जागरूक होना होगा। ब्लड कैंसर का इलाज महज 2 साल ही चलता है और बच्चा ठीक हो जाता है। परंतु बच्चे का ट्रीटमेंट रेगुलयर चले।

2 से 16 साल के बच्चों को कैंसर
मेडिकल स्टेट कैंसर इंस्टीटयूट में रिपोर्ट के अनुसार 2 से 16 साल के बच्चे ब्लड कैंसर, पेट के कैंसर से पीड़ित है। इसमें 65 बच्चे ब्लड कैंसर के है जिनका नियमित रूप से इलाज जारी है। डाॅक्टरों का कहना है कि इन बच्चों को लगभग 2 साल इलाज चलेगा और ये पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे।

मुझे सिंगर बनना है, मैं अधिकारी बनूंगा…
कैंसर पीड़ित बच्चों की अनेक तमन्नाएं है। इसमें कुछ बच्चे ऐसे है जो अपनी बीमारी को भूलकर अपने कैरियर की तरफ ध्यान लगा रहे हैं। कुछ बच्चे सिंगर बनना चाहते हैं तो कुछ अधिकारी। यशभारत ने ऐसे बच्चों से बात की तो उनके हौंसले और डाॅक्टरो की मेहनत देखकर ऐसा लगा जैसे ये बच्चे गंभीर से पीड़ित ही नहीं है।

नागपुर-भोपाल के बच्चे भर्ती
प्रायः देखने में आता है कि कैंसर जैसी बीमारी होने पर शहर के लोग बाहर इलाज कराने पहंुचते हैं परंतु यहां जानकर हैरानी होगी कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस कैंसर इंस्टीटयूट में भोपाल और नागपुर जैसे शहर के बच्चे भर्ती है जिनका इलाज जारी है। इस इंस्टीटयूट खासियत ये है कि बच्चों के रहने-खाने से लेकर उनका सारा खर्च निःशुल्क रहता है। बच्चे के अभिभावक यहां रूकते हैं तो उनका खर्च भी निःशुल्क रहता है।

इनका कहना है
सितंबर माह बचपन कैंसर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में हम लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करते हैं। लेकिन अभी भी लोगांे में जागरूकता की कमी है। बहुत से लोग कैंसर का नाम सुनते ही डर जाते हैं और इलाज कराने से पीछे हटते हैं। कैंसर इंस्टीटयूट में पीड़ित बच्चा का बेहतर इलाज किया जा रहा है।
डाॅक्टर श्वेता पाठक, चाइल्ड कैंसर विशेषज्ञ स्टेट इंस्टीटयूट मेडिकल

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