भय बिनु होइ न प्रीति’: भारतीय सेना का पाकिस्तान को करारा संदेश, कहा – आतंकियों को घर में घुसकर मारेंगे

भय बिनु होइ न प्रीति’: भारतीय सेना का पाकिस्तान को करारा संदेश, कहा – आतंकियों को घर में घुसकर मारेंगे
रामचरितमानस की चौपाई और दिनकर की कविता से सेना ने दिखाया तेवर, आतंकवाद पर अब ‘रण’ का ऐलान
भारतीय सेना ने एक बार फिर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। रविवार को सेना के स्पष्ट लहजे के बाद, आज सेना ने अपने इरादे और भी साफ कर दिए। सेना ने दो टूक कहा कि भारत अपनी मर्जी और जरूरत के अनुसार, पाकिस्तान में छिपे आतंकियों को उनके ठिकाने में घुसकर मारेगा। इस बार सेना ने अपने संदेश को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस की एक महत्वपूर्ण चौपाई का सहारा लिया।
‘भय बिनु होय न प्रीति’: सेना ने सुनाई भगवान राम की वाणी
आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, एयर मार्शल एके भारती ने रामचरितमानस के अयोध्याकांड की उस चौपाई का पाठ किया, जिसमें भगवान राम समुद्र से लंका जाने के लिए मार्ग मांग रहे हैं और मार्ग न मिलने पर क्रोधित होकर कहते हैं, “विनय न मानत जलधि गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय ना प्रीति…”
एयर मार्शल भारती ने इस चौपाई का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि जब विनम्रता से प्रार्थना करने पर भी कोई नहीं सुनता, तो डर का एहसास कराना जरूरी हो जाता है। इसका सीधा अर्थ है कि पाकिस्तान को उसकी हरकतों का करारा जवाब मिलेगा और उसे यह समझना होगा कि बिना डर के वह अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आएगा।
‘याचना नहीं, अब रण होगा’: कविता से भरी हुंकार
भारतीय सेना की इस प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत भी राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की ओजपूर्ण कविता ‘याचना नहीं, अब रण होगा’ की बुलंद पंक्तियों से हुई। इस कविता के माध्यम से सेना ने स्पष्ट संकेत दिया कि अब अन्याय और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक युद्ध का समय आ गया है। भारत अब पाकिस्तान की किसी भी हिमाकत को बर्दाश्त नहीं करेगा और यदि उसने भारत में आतंकवाद फैलाने की कोशिश की, तो उसे युद्ध के मैदान में मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति
सेना के इस सख्त रवैये से साफ है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर अब किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है। पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यदि वह अपनी धरती से पल रहे आतंकी संगठनों को नियंत्रित नहीं करता है, तो भारतीय सेना अपने तरीके से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।