मध्यप्रदेश के धार जिले के खलघाट में सोमवार सुबह महाराष्ट्र रोडवेज की बस नर्मदा नदी में जा गिरी। इसमें 40 यात्री सवार थे। अब तक 13 लोगों के शव बरामद हुए हैं। बाकी लोगों की तलाश की जा रही है। हादसा सुबह 10 और 10.15 बजे के बीच हुआ। बताया जा रहा है कि खलघाट में टू-लेन पुल पर एक वाहन को ओवरटेक करते समय बस बेकाबू हो गई। ड्राइवर ने संतुलन खो दिया और बस रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। बस इंदौर से महाराष्ट्र के अमलनेर जा रही थी। इंदौर से घटनास्थल की दूरी करीब 90 किमी है।
मारे गए 13 लोगों में 8 पुरुष, 4 महिलाएं और 1 बच्चा शामिल हैं। मृतकों की पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के हादसे पर दो बयान आए। पहले उन्होंने 15 यात्रियों को जिंदा बाहर निकालने का दावा किया। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद एम्बुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि एक भी यात्री जीवित नहीं मिला है। इसके करीब दो घंटे बाद फिर गृहमंत्री ने बताया कि बस में 14 से 15 लोग ही सवार थे और किसी को भी बचाया नहीं जा सका। हालांकि, बस में कितने यात्री सवार थे? इसकी पुष्टि अब तक प्रशासन ने नहीं की है।
हादसे की जानकारी लगते ही खलघाट के स्थानीय लोगों ने सबसे पहले मदद की। जो फोटो और वीडियो सामने आए हैं, उनमें स्थानीय लोग शवों को खोजते दिखे। कुछ लोग अपनी नाव से शवों बाहर निकाल रहे थे। उधर, इंदौर और धार से NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए सहायता देने की घोषणा की है। घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी। महाराष्ट्र की बस होने की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को घटना की जानकारी दी।
सीएम शिवराज ने कहा- बचा नहीं सके
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जैसे ही इस घटना की सूचना मिली वैसे ही प्रशासन सक्रीय हो गया। कलेक्टर, एसपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव के लिए तत्काल रवाना की। दुर्घटना के आधा घंटे के अंदर ही कलेक्टर घटना स्थल पर पहुंच गए थे। बस तो निकाल ली, लेकिन कहते हुए मन पीड़ा से भरा हुआ कि हम बस में सवार लोगों को बचा नहीं सके।