भारत ने पन्नू हत्या साजिश मामले में ‘CCI’ को किया गिरफ्तार, भारतीय जांच समिति वॉशिंगटन जाने को तैयार
अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप के मामले में भारत ने अमेरिका को बताया कि उसने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है जिसे अमेरिकी न्याय विभाग यानि Department of Justice (DOJ) के एक आरोपपत्र में ‘CCI’ के रूप में पहचाना गया था। इस व्यक्ति पर अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रचने का आरोप था, जो अमेरिकी धरती पर अंजाम दिया जाना था। यह जानकारी एक अमेरिकी अधिकारी ने को दी। भारत ने अमेरिका को यह भी बताया कि ‘CCI’ अब सरकारी अधिकारी नहीं है और इस मामले की जांच के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति अन्य कड़ियों की जांच कर रही है। इस भारतीय समिति के सदस्य वॉशिंगटन डीसी की यात्रा पर जा रहे हैं और वहां अमेरिकी अधिकारियों से मिलकर अपने निष्कर्ष साझा करेंगे और अमेरिकी जांच से संबंधित जानकारी हासिल करेंगे। अमेरिकी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। DOJ के आरोपपत्र में ‘CCI’ को एक सक्रिय भारतीय सरकारी अधिकारी बताया गया था, जिसे गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो कि भारत में आतंकवादी घोषित है और अमेरिकी नागरिक है, की हत्या की साजिश में शामिल बताया गया था। ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ ने अप्रैल में ‘CCI’ की पहचान विक्रम यादव के रूप में की थी। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका भारत द्वारा उठाए गए कदमों से “प्रोत्साहित” है। अधिकारी ने बताया कि ‘CCI’ अब सरकारी कर्मचारी नहीं है और उसे स्थानीय आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। भारतीय समिति वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी अधिकारियों से भी मुलाकात करेगी। इस पूरी कार्रवाई से दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय संवाद और सहयोग के संकेत मिलते हैं। अधिकारी ने पुष्टि की कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन और भारतीय NSA अजीत डोभाल के बीच “लगातार और नियमित” संवाद हो रहा है, साथ ही दोनों देशों के अन्य अधिकारियों के बीच भी संवाद जारी है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया जब भारत ने कनाडा के साथ अपने राजनयिक संबंधों को घटाते हुए अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया और छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। पूछे जाने पर कि क्या इन सभी घटनाओं के पीछे कोई समन्वय है, अमेरिकी अधिकारी ने इसे “संयोग” बताया और कहा कि “समय का मेल” महज इत्तेफाक है। अधिकारी ने यह भी कहा कि अमेरिका भारत और कनाडा के मुद्दों पर दोनों देशों से अलग-अलग बात कर रहा है, लेकिन कोई त्रिपक्षीय बातचीत नहीं हो रही है। DOJ के आरोपपत्र में कथित साजिश को विफल बताया गया था। ‘CCI’ द्वारा उपयोग किए गए मध्यस्थ, निखिल गुप्ता, को पिछले साल प्राग में गिरफ्तार किया गया और इस साल अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया, जहां उनका मुकदमा जल्द ही शुरू होने वाला है।