02 अधोसरंचनात्मक परियोजनाओं का उद्घाटनः न्यायिक कार्य की गुणवत्ता तथा मात्रा में वृद्धि करने हेतु एक सु-स्थापित न्यायिक अधोसंरचना आवश्यक है

जबलपुर, यशभारत। न्याय को समय पर प्रदान करने को सुनिश्चित करने के लिए अधोसरंचना आवश्यक है। ऐसा करने के लिए, जिला न्यायापलिका, मध्यप्रदेश के अधोसरंचनात्मक विस्तार में एक ओर उपलब्धि जोड़ी गई है। 19 अप्रैल को माननीय मुख्य न्यायाधिपति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय श्री रवि मलिमठ, द्वारा माननीय न्यायाधिपति श्री शील नागू, प्रशासनिक न्यायाधीश, उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, राज्य विधिक सेवा अधिकरण, मध्यप्रदेश एवं माननीय न्यायाधिपति श्रीमति अंजुली पालो पोर्ट फोलियो
जज जिला सतना एवं अन्य साथी न्यायाधीशों की उपस्थिति में आभासी रूप से 02 अधोसरंचनात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ सिविल कोर्ट परिसर, मैहर जिला सतना एवं मध्यस्थता केन्द्र, मैहर जिला सतना है।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने मुख्य अभिभाषण दिया और कहा कि न्यायिक कार्य की गुणवत्ता तथा मात्रा में वृद्धि करने हेतु एक सु-स्थापित न्यायिक अधोसंरचना आवश्यक है। आगे उन्होने जनता की सेवा करने पर बल दिया क्योंकि राज्य ऐसी परियोजनाओं में बड़ी राशि खर्च कर रही है। उन्होने संबंधित जिला न्यायपालिका, मध्यप्रदेश को हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी। माननीय न्यायाधिपति श्री शील नागू, प्रशासनिक न्यायाधीश, मध्य प्रदेश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, सेवा प्राधिकरण, मध्यप्रदेश ने भी संबोधित किया एवं उपरोक्त परियोजनाओं के विवरण के बारे विचारों को साझा किया।
एवं सतना जिले की पोर्टफोलियो जज श्रीमति अंजुली पालो ने भी इस कार्यक्रम को उद्घाटन को आयोजित करने हेतु जिला एवं सत्र न्यायालय, सतना के न्यायिक अधिकारियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी।