ग्वालियरजबलपुरमध्य प्रदेश

श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार  मेला :  सैलानियों को रूकने को मजबूर कर देती हैं कलात्मक लालटेन 

ग्वालियर / ग्वालियर मेले का लुत्फ उठाने आ रहे सैलानी फुटपाथ पर रखीं छोटी-छोटी खूबसूरत एवं कलात्मक लालटेन देखकर थोड़ी देर रूकने के लिए मजबूर हो जाते हैं। महाराष्ट्र के रामपुर शहर से मोहम्मद अकील कलात्मक लालटेन लेकर आए हैं। अकील बमुश्किल चार बाय चार फीट में फुटपाथ के किनारे अपनी दुकान लगाते हैं। एक हाथ से दिव्यांग मोहम्मद अकील के हुनर को बयां कर रहीं आकर्षक लालटेन सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींच लेती है।

ऐतिहासिक श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेले में यूँ तो बड़े-बड़े शोरूम, ऑटो मोबाइल सेक्टर, आकर्षक व रोमांचक झूले एवं लजीज व्यंजन परोस रहीं खान-पान की दुकानें सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रहती हैं। पर फुटपाथ पर सजने वाली दुकानों का अपना एक अलग ही रंग है और ये मेले की शोभा भी बढ़ाती हैं। फुटपाथी वस्तुओं पर भी सैलानी जमकर पैसा लुटाकर छोटे-छोटे व्यवसाइयों के घरों में खुशियां पहुँचाते हैं। महाराष्ट्र के सुदूर कस्बे से आए मोहम्मद अकील की दुकान भी मेले की शोभा बढ़ा रही है।

मोहम्मद अकील कहते हैं कि ग्वालियर के ऐतिहासिक मेले के वैभव के बारे में मैंने जो सुन रखा था। यहाँ आकर वह सब सच निकला है। उनका कहना है कि हम बड़ी उम्मीद लेकर ग्वालियर मेले में आए थे। हमारी उम्मीदें पूरी शिद्दत से परवान चढ़ रही हैं। अकील बताते हैं पहले हफ्ते में लगभग 500 लालटेन बिक चुकी हैं। अकील 100 रूपए में एक लालटेन बेच रहे हैं। इस प्रकार अब तक उनकी फुटपाथी दुकान से लगभग 50 हजार रूपए की बिक्री हो गई है।

अकील का कहना है कि प्रात: 11 बजे से मेला बंद होने यानि देर रात तक वे अपने साथियों के साथ मेले में रहते हैं। उसके बाद कम्पू क्षेत्र की एक सराय में सोने चले जाते हैं। जब उनसे पूछा गया कि ग्वालियर में आकर कोई कठिनाई तो नहीं हो रही, तब वे खुश होकर बोले कि हम छोटी-मोटी परेशानियों को तब भूल जाते हैं जब मेले में हुई आमदनी के बारे में अपने घर पर फोन करके बताते हैं।

 

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