लेमागार्डन अतिक्रमण के दौरान बवाल : बच्चे को हाथ में लेकर छत से कूंदने तैयार थी अतिक्रमणकारी महिला
150 पुलिस जवानों के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद, पुलिस ने सूझबूझ से बच्चे को बचाया, सैकड़ों अतिक्रमणकारी समझाइश के बाद हटने हुए तैयार

जबलपुर, यशभारत। गोहलपुर के लेमागार्डन में अतिक्रमण हटाने जब आज रविवार को सुबह जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस अधिकारी पहुंचे तो क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश पनप गया। इसी बीच भारी हंगामा हुआ। जिसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। इस दौरान एक अतिक्रमणकारी महिला ने प्रशासनिक अधिकारियों को डराने के उद्देश्य से छोटे से बच्चे को अपने हाथ में लेकर छत से कूंदने का प्रयास किया। महिला की हरकतों को देखकर पुलिस कर्मियों ने छत पर पहुंचकर उसे समझाया और बच्चे को हाथ में लिया। इस दौरान क्षेत्र के अन्य लेाग भी एकत्रित हो गए और अतिक्रमण हटाने का विरोध करने लगे। जिसके बाद मौके पर मौजूद 150 जवानों सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने जब अतिक्रमणकारियों को समझाने का प्रयास किया तो वह स्वयं हटने तैयार हो गए।
मौके पर मौजूद एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया ने बताया कि एक महिला अतिक्रमण को लेकर विरोध कर रही थी। जब उसको समझाया तो वह समझ गयी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है।
ये है मामला
हाईकोर्ट ने 15 मार्च को मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर जबलपुर से पूछा कि लेमा गाडज़्न में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतगज़्त गरीबों के लिए बनाए आवासों पर अवैध कब्जे अब तक क्यों नहीं हटाए गए? कोटज़् ने कलेक्टर को शो कॉज नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा। रिपोटज़् प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह की मोहलत दे दी। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस पीके कौरव की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई 22 मार्च तय की।
पूर्व पाषज़्द मुरली दुबे की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता नितेश द्विवेदी ने कोर्ट को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नगर निगम के निगरानी में 434 मकानों का निर्माण किया गया था। इनके आवंटन के लिए नगर निगम को 1160 आवेदन प्राप्त प्राप्त हुए। क्षेत्रीय पार्षद ताहिर अली ने इन आवासों में अपने लोगों को कब्जा करवा दिया। मकान वास्तविक हितग्राहियों को आवंटित किए जाएं। 26 मार्च 2021 को कोर्ट ने कलेक्टर को ये कब्जे हटाकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था, लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।