यशभारत कहिन….. माफ करना साहिब…. सच लिख रहा हूं… व्हीव्हीआईपी ड्यूटी और त्यौहारों की जबलपुर पुलिस

नीरज उपाध्याय
कहते जिस शहर की पुलिसिया व्यवस्था अच्छी होती है वहां के रहवासी चैन-सुकून और शांति से रहते हैं, उन्हें किसी बात की चिंता नहीं रहती है। लेकिन जिस शहर में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ नाम की हो वहां के लोग भय में जिंदगी गुजारते हैं। जबलपुर में भी कुछ ऐसा ही। यहां की पुलिस को व्हीव्हीआईपी की ड्यूटी और त्यौहारों के जुलूसों में ड्यूटी करने के लिए पहचाना जाने लगा है। सही भी है। जिस काम में वाहवाही मिले उसी को करना चाहिए। लोगों की सुरक्षा और उनका दुखड़ा तो जिंदगी भर का है, लोगों से थोड़ी कुछ मिलेगा। व्हीव्हीआईपी ड्यूटी करेंगे माननीयों को खुश करेंगे वर्दी में स्टार बढ़ेंगे साथ आराम से ड्यूटी करने का मौका भी ऐसे ही मिलते रहेगा।

11 करोड़ की चोरी की सिरदर्द बन गई, लालटेन लेकर ढूढ़ रहे, नहीं मिल रहे चोर
शहर सबसे व्यस्तम मार्केट से 11 करोड़ की चोरी हो गई। शहर की पुलिस चोरों को खोजने के दिन-रात एक करने का नाटक कर रही है। सूत्र-मुखबिर तंत्र भी पुलिस का काम नहीं कर रहा है। शहर में चर्चा है कि पुलिस लालटेन लेकर चोरों को खोज रही है लेकिन चोर है कि ढूढ़े नहीं मिल रहे हैं। इस चोरी का सुराग पुलिस के पास नहीं है लेकिन दावे हो रहे हैं चोरों तक पहुंच गए हैं।
प्रकरणों की विवेचना सही नहीं, अपराधियों को सजा भी नहीं हो पा रही है
जबलपुर पुलिस का सारा कामकाज बेहतर है लेकिन वह कागजों में। प्रकरणों की विवेचना कोई करना नहीं चाहता है। शहर पुलिस महकमे में एक से बढ़कर एक अधिकारी है लेकिन सबको काम न करने की आदत लग गई है और इसी का नतीजा है कि अपराधियों को सजा नहीं मिल पा रही है। बार-बार मुख्यालय से पत्र आते हैं, जवाब भी रटा रटाया भेज दिया जाता है।
43 थाना प्रभारी,11 सीएसपी और 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किस काम के
पूरे जिले में अपराध का नामों निशान न रहे, सभी लोग सुरक्षित रहे इसके शासन ने जबलपुर जिले और ग्रामीण में 43 थाना प्रभारी, 11 सीएसपी और 5 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति। जबलपुर पुलिस के पर्याप्त पुलिस अधिकारी है बाबजूद अपराधों पर रोकथाम नहीं लग पा रही है। इतनी ज्यादा संख्या में थाना प्रभारी सहित उच्च अधिकारी फिर भी हत्या, चोरी और लूट जैसी घटनाएं शहर में घटित होना आम हो गया है।
काम किसी को नहीं करना है सिर्फ थाना संभालना है
सालों से जबलपुर और ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में पुराने थाना प्रभारी चार्ज संभाल रहे हैं। चुनाव के समय कुछ शिकायत मिलने पर थाना प्रभारियों को यहां से वहां कर दिया जाता है। इस स्थिति के कारण थाना प्रभारी काम करने की वजाए सिफज़् थाना संभालना चाहते हैं। इनके थाना क्षेत्रों में अपराध हो रहा है तो इन्हें कोई मतलब नहीं, त्यौहार के समय मीटिंग लेकर खानापूतिज़् करने में दरोगा सबसे आगे हैं।