मन्नत पूरी करने नर्मदा परिक्रमा में पैदल निकली 5 वर्ष की नैनश्री : नन्ही बालिका की भक्ति को देखकर हर कोई हतप्रभ

मंडला, यश भारत। वेद पुराणों के अनुसार पुण्य सलिला मां नर्मदा ही एक मात्र ऐसी नदी है, जिसकी परिक्रमा की जाती है। माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से गंगा में स्नान के समान पुण्य मिलता है। नर्मदा भक्त तरह तरह से परिक्रमा करते हुए मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंडला के नर्मदा परिक्रमा पथ में एक ऐसी 5 वर्षीय नन्हीं नर्मदा परिक्रमावासी देखने को मिली, जो अपनी मन्नत पूरी होने के बाद नर्मदा परिक्रमा करने का संकल्प लिया था। पांच वर्षीय नन्ही बालिका का बालहठ और उसकी आध्यात्म के प्रति श्रद्धा ने हजारों किमी की नर्मदा परिक्रमा का संकल्प के तीन हजार किमी पूरा कर लिया है।
नन्ही बालिका अठखेलियां करते, नर्मदा भजन, नर्मदाष्टक गाते परिक्रमा कर रही है। जानकारी अनुसार पांच वर्ष की नैनेश्वरी अपने माता पिता के साथ मां नर्मदा की पैदल परिक्रमा में निकली है नासिक महाराष्ट्र की रहने वाली नैनेश्वरी की नर्मदा भक्ति और आस्था सबको हैरान देने वाली है खेलने कूदने की उम्र में नन्हीं बच्ची प्रतिदिन करीब 40 किमी पैदल चल रही है। माता-पिता के साथ इस बच्ची ने पांच माह में करीब 3 हजार किमी का सफर तय कर लिया है, अब करीब साढ़े सात सौ किमी का सफर शेष बचा है। पिता की सलामती के लिए मांगी थी मन्नत नर्मदा परिक्रमा कर रही नैनेश्वरी ने बताया कि पिछले वर्ष उसके पिता नर्मदा परिक्रमा पर निकले थे। पिता के नर्मदा परिक्रमा में निकलने के बाद पांच वर्षीय नैनेश्वरी ने त्रयम्बकेश्वर में भगवान भोलेनाथ से पिता की सलामती के लिए मन्नत मांगी थी।
उसने पिता के सही सलामत नर्मदा परिक्रमा करके घर वापस आ जाने पर नर्मदा परिक्रमा करने का संकल्प लिया था। नैनेश्वरी के पिता नर्मदा परिक्रमा कर सही सलामत घर आ गए। जिसके बाद नैनेश्वरी अपनी मन्नत पूरा करने के लिए माता-पिता के साथ नर्मदा परिक्रमा करने के लिए निकल पड़ी है। तीन हजार किमी की पूरी की परिक्रमा नैनेश्वरी की मां पूजा और पिता वालूदामू ने बताया कि ओंकारेश्वर से उन्होंने परिक्रमा प्रारंभ की थी। विगत 25 अप्रेल को नर्मदा परिक्रमा के पांच माह पूर्ण हो गए। उन्होंने कहा कि छोटी बच्ची के साथ परिक्रमा करने में बहुत मजा आ रहा है। हम थक जाते हैं लेकिन बच्ची नहीं थकती। उसके कदम आगे बढ़ते ही रहते है।
मां नर्मदा की भक्ति में नैनेश्वरी इतनी डूब जाती है कि उसे थकान ही महसूस नहीं होती। माँ नर्मदा के प्रति अटूट श्रृद्धा बताया गया कि आदिवासी बाहुल्य जिला मंडला को माँ नर्मदा ने तीन ओर से घेरा हुआ है। मंडला जिले के नर्मदा परिक्रमा पथ मार्ग में रोजाना अनेकों नर्मदा परिक्रमावासी यहां से गुजरते हैं। इन्हीं परिक्रमावासियों में एक नन्ही पांच वर्षीय नैनेश्वरी की श्रद्धा-भक्ति अनूठी है। नैनेश्वरी जहां से भी गुजरती है लोग मां नर्मदा की इस नन्ही भक्त को देखकर हैरान रह जाते हैं। इस उम्र में नैनेश्वरी की यह साधना कठिन जरूर है लेकिन मां नर्मदा के प्रति अटूट श्रद्धा की वजह से वह सरलता से अपने लक्ष्य तक पहुंच रही है। नन्ही नर्मदा भक्त को देख सब हैरान बता दे कि मंडला जिले में माँ नर्मदा परिक्रमा पथ मार्ग से नन्हीं परिक्रमावासी नैनेश्वरी का आगमन हुआ । नैनेश्वरी जहां-जहां परिक्रमा के दौरान गुजरी और रुकी तो वहां देखने वाले हैरान और आश्चर्यचकित रह गए। ये नन्हीं बालिका अपने माता पिता के साथ माँ नर्मदा की परिक्रमा पर कैसे निकली है। इतनी गर्मी और तेज तपन में कैसे चल रही होगी। इस नन्हीं नैनेश्वरी की श्रृद्धा और माँ नर्मदा के प्रति भक्ति देखकर सब नन्हीं नैनेश्वरी को नमन करते दिखे। मां नर्मदा के भक्त तरह तरह से नर्मदा परिक्रमावासियों को सेवा देते है, जिससे उनके उत्साह में कोई कमी नहीं आती है।
मंडला जिले के नर्मदा भक्त भी बड़े ही निर्मल ह्रदयी हैं और नर्मदा परिक्रमावासियों की मन लगाकर सेवा करते हैं। परिक्रमा के दौरान एक से बढ़कर एक नर्मदा भक्त देखने मिलते है। अठखेलियां करते आगे बढ़ रही नैनेश्वरी माँ नर्मदा परिक्रमा यात्रा के दौरान यदि विश्राम के लिए रुक जायें तो नैनेश्वरी अपने माता पिता को आगे चलने को कहती है, नैनेश्वरी अपनी तोतली भाषा में आगे चलने कहती है और स्वयं भी बिना थके चलती रहती है। बीच बीच में बालपन की अठखेलियाँ करती है, जिसे देखकर नैनेश्वरी के माता पिता भी खुश हो जाते और उत्साह के साथ अपनी परिक्रमा में आगे बढ़ते चले जा रहे है।
नैनेश्वरी की इस तपस्या को जो भी देखता है, वह आश्चर्यचकित रह जाता है। नैनेश्वरी अपने माता पिता के साथ जिस क्षेत्र से गुजरती है। वहां के लोग इस नन्हीं बालिका से बिना मिले आगे जाने नहीं देते। नैनेश्वरी अपने संकल्प को पूरा करने की जिद और माँ नर्मदा के लिए नैनेश्वरी की भक्ति और आस्था देख लोग नैनेश्वरी को नमन करते हुए दुलार भी कर रहे है। एक नन्हीं बालिका नैनेश्वरी की मन्नत पूरी करने का संकल्प इस बात का प्रमाण है कि माँ नर्मदा की कृपा इस नन्हीं बालिका पर है।