पिता के जीवित रहते फौती उठाकर कलयुगी पुत्र ने कृषि भूमि पर अपना नाम दर्ज करवा लिया
पटवारी द्वारा फर्जी फौती नामांतरण का प्रकरण दर्ज कर डोरीलाल काछी का नाम दर्ज कर दिया गया था

जबलपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व न्यायालय सिहोरा में प्रस्तुत अपील के एक प्रकरण में पिता के जीवित रहते फौती उठाकर कृषि भूमि पर पुत्र का नाम दर्ज कर दिये जाने के तहसीलदार मझौली के आदेश को एसडीएम आशीष पांडे ने निरस्त कर दिया है। प्रकरण में फैसला देते हुए एसडीएम सिहोरा ने खसरा के कैफियत कालम नंबर बारह में वापस पिता का नाम दर्ज करने का आदेश पारित किया है।
एसडीएम सिहोरा आशीष पांडे के मुताबिक न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा में मझौली तहसील के ग्राम टिकुरी निवासी बाबूलाल काछी ने आवेदन प्रस्तुत कर उसकी 0.50 हेक्टेयर कृषि भूमि पर पुत्र का नाम दर्ज किये जाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बाबूलाल काछी ने आवेदन में बताया कि खसरा नंबर 81/1 एवं 125/1 की इस भूमि पर वर्ष 2017-18 तक पांच साल खसरा में उसका नाम दर्ज था। उसने जब वर्ष 2018-19 में पांच साल खसरा की सत्यप्रति निकलवाई तब पता चला कि इस भूमि के खसरा में कैफियत कालम में फौती नामांतरण कर उसकी जगह पुत्र डोरीलाल का नाम दर्ज कर दिया गया है। बाबूलाल ने एसडीएम सिहोरा को वर्ष 2017-18 में 2021-22 का कम्प्यूटर खसरा न्यायालय तहसीलदार मझौली का फौती नामांतरण का आदेश एवं आधार कार्ड सहित आवेदन प्रस्तुत कर ग्राम टिकुरी की इस भूमि से पुत्र का नाम अलग कर वापस उसका नाम दर्ज करने का आग्रह किया था।
एसडीएम सिहोरा ने बताया कि अपील के इस प्रकरण में तहसीलदार मझौली से जांच प्रतिवेदन बुलाया गया। तहसीलदार मझौली ने अपने प्रतिवेदन में बताया कि टिकुरी ग्राम के खसरा नंबर 81/1 एवं 125/1 की कुल 0.50 हेक्टेयर भूमि पर डोरीलाल पिता बाबूलाल काछी का नाम दर्ज है। तहसीलदार ने प्रतिवेदन में उल्लेख किया कि यह भूमि बाबूलाल काछी के हक की भूमि है तथा वह अभी जीवित है। एसडीएम सिहोरा श्री पांडे ने बताया कि तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन के आधार पर अभिलेख में सुधार करने और खसरा के कैफियत कालम में वापस बाबूलाल काछी का नाम दर्ज करने के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रकरण में इस भूमि पर पटवारी द्वारा फर्जी फौती नामांतरण का प्रकरण दर्ज कर डोरीलाल काछी का नाम दर्ज कर दिया गया था।