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नया बांध बनाने पर विचार से पहले कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा स्वीकृत राशि से  बांध की ऊंचाई बढ़ाने का शीघ्र पूरा कराया जाए  काम

कांग्रेस ने नगर निगम पर लगाया नया बांध बनाने के नाम पर भ्रष्टाचार के नए रास्ते तलाशने का आरोप

सागर यश भारत (संभागीय ब्यूरो)/ कांग्रेस की तत्कालीन सरकार द्वारा शहर के लाखों लोगों की प्यास बुझाने के लिए स्थापित राजघाट बांध को बदहाल कर इसी हालत में छोड़ते हुए नया बांध बनाने की बात से नगर निगम प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार के नए रास्ते तलाशने की मंशा उजागर होती है। सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे जनता के धन का दुरुपयोग रोकते हुए कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा स्वीकृत करीब 135 करोड रुपए की राशि से बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम शीघ्र पूरा कराएं। इसके बाद ही नया बांध बनाने की बात पर विचार किया जाए।

यह बात जिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा चौधरी, नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कटारे, पूर्व उपमहापौर संतोष पांडे, नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष बाबू सिंह बब्बू यादव, पार्षद ताहिर खान, शिवशंकर गुड्डू यादव, नीलोफर चमन अंसारी, सुलेखा राकेश राय, रोशनी वसीम खान, रिचा सिंह, शशि महेश जाटव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई, पूर्व पार्षद रामनाथ यादव आदि ने राजघाट बांध की बदहाली पर तीखा आक्रोश व्यक्त करते हुए नगर निगम द्वारा जल आपूर्ति के नाम पर भ्रष्टाचार के नए रास्ते तलाशने के प्रयासों की तीखी निंदा की है।

पूर्व उपमहापौर संतोष पांडे ने इस संबंध में कहा कि 30 साल पहले पानी के लिए तरस रही सागर की जनता की प्यास बुझाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने राजघाट बांध योजना को स्वीकृत कर सागर की जनता को यह सौगात दी थी।

नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कटारे ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान स्थापित हुए राजघाट बांध को अगले 100 सालों तक उपयोगी बनाए रखने के लिए इसकी ऊंचाई को 2 मीटर बढ़ाने तथा हाइड्रोलिक गेट लगाने की सहमति तत्कालीन कलेक्टर बीआर नायडू की मौजूदगी में बनी थी तथा गेट लगाने के लिए बांध में कॉलर का निर्माण भी पूर्ण कर लिया गया था। लेकिन इन 20 सालों में भाजपा की सरकार और निगम परिषद की उपेक्षा के चलते यह बांध बदहाल होते चला गया।

जिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रेखा चौधरी ने कहा कि पूर्व निगम अध्यक्ष त्रिलोकी नाथ कटारे, डॉ संदीप सबलोक आदि वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में उनके द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के समक्ष राजघाट बांध की उपेक्षा तथा इसकी ऊंचाई बढ़ाने के संबंध में मामला लाया गया था। जिस पर कमलनाथ जी ने तत्काल ही करीब 135 करोड रुपए की राशि के साथ राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने तथा हाइड्रोलिक गेट लगाने को अपनी स्वीकृति देकर संबंधित निर्देश जारी किए थे। लेकिन भाजपा की सरकार ने श्रेय लूटने की राजनीति के चलते सागर की जनता को इस सुविधा से लगातार वंचित रखा है।

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष बाबू सिंह बब्बू यादव, पार्षद ताहिर खान, शिवशंकर गुड्डू यादव, नीलोफर चमन अंसारी, सुलेखा राकेश राय, रोशनी वसीम खान, रिचा सिंह, शशि महेश जाटव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष चक्रेश सिंघई, पूर्व पार्षद रामनाथ यादव आदि ने कहा है कि कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी द्वारा स्वीकृत राशि से राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने की जगह नया बांध बनाने की बात से नगर निगम प्रशासन के भ्रष्टाचार की दुर्गंध आ रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर सागर तालाब की सफाई, सड़कों का निर्माण और मरम्मत, एलिवेटेड कॉरिडोर नगर निगम प्रशासन के भ्रष्टाचार के ऐसे उदाहरण है जिन्हें देखकर नए बांध के निर्माण और उसमें होने वाले संभावित भ्रष्टाचार का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

कांग्रेस नेताओं ने इस तरह के तुगलकी निर्णय और सागर की जनता को अपने भ्रष्टाचार की प्रयोगशाला बनाने की प्रवृत्ति को बंद कर नए बांध का निर्माण शुरू करने के पहले राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने का काम पूरा किया जाए ताकि नया बांध बनने तक सागर की जनता को बूंद बूंद पानी से तरसना बंद हो सके।

कांग्रेस नेताओं ने जनहित में शीघ्र ही सही निर्णय लेकर राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने के बजाय जनता के धन का दुरुपयोग करने एवं भ्रष्टाचार के रास्ते तलाशने के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी प्रशासन और सरकार को दी है।

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