क्या है रोबोटिक सैनिक? DRDO तैयार कर रहा युद्ध के लिए खास हथियार;
इन एआई-हथियारों और रोबोट सैनिकों से सेना और समाज को क्या लाभ होंगे?

क्या है रोबोटिक सैनिक? DRDO तैयार कर रहा युद्ध के लिए खास हथियार;
भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) दिन-प्रतिदिन नई तकनीकों पर काम कर रहा है। इसमें रोबोटिक सिस्टम, ऑटोमेटिक उपकरण और एआई शामिल हैं।
इन तकनीकों का उद्देश्य सैनिकों की सुरक्षा बढ़ाना खतरनाक माहौल में नुकसान कम से कम और युद्ध क्षेत्र में बेहतर निर्णय क्षमता हासिल करना है। डीआरडीओ द्वारा एआई-आधारित नियंत्रण एवं रक्षा प्रणालियां विकसित की जा रही हैं। आईए जानते हैं भविष्य में दुश्मन देश से लड़ाई की तैयारी क्या है?
डीआरडीओ ह्यूमनोइड/ऑटोनोमस रोबोट्स के किन प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है?
डीआरडीओ के पुणे स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) ने एक ह्यूमनोइड रोबोट विकसित करने की शुरुआत की है। यह खतरनाक मिशनों में सैनिकों को जोखिम से बचाएगा। इसके ऊपरी और निचले हिस्से के प्रोटोटाइप तैयार हो चुके हैं। यह रोबोट खतरनाक वस्तुओं को संभालने, अवरोधों हटाने, दरवाजे खोलने बंद सकेगा। दिन और रात दोनों तरह के हालात में काम करने के लिए डिज़ाइन हो रहा है।
इन एआई-हथियारों और रोबोट सैनिकों से सेना और समाज को क्या लाभ होंगे?
सैनिकों को सीधे खतरे से बचाया जा सकेगा। जैसे, आतंकवाद, बम निष्क्रिय करने, खतरनाक इलाके में गश्त में उपयोगी होंगे। मनुष्यों की जान बचाने वाली मिशन में जोखिम कम होगा। सतर्कता और निर्णय लेने की गति बढ़ेगी। एआई-सेंसर्स, स्वचालित लक्ष्य पहचान आदि से निगरानी, गश्त, सीमा सुरक्षा जैसे रोजमर्रा के कामों में रोबोटिक स्वायत्त प्रणालियां सहायक बनेंगी।







