हद हो गई अब तो ड्राइवर भी लेने लगे रिश्वत
जबलपुर यश भारत्ः प्रदेश सरकार भले ही सुशासन पर जोर दे रही है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाहियां भी हो रही हैं बावजूद इसके प्रशासनिक स्तर पर भ्रष्टाचार कम होने का नाम नहीं ले रहा रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के नित नये मामले सामने आ रहे हैं हर दो-चार दिन में रिश्वतखोरी का कोई ना कोई नया मामला सामने आ जाता है ताजा मामला है एक एसडीएम के ड्राइवर के द्वारा डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लिए जाने काः अभी तक तो सुनने में आता था कि अधिकारी बाबू जैसे लोग काम के बदले रिश्वत लेते थे लेकिन अब तो हद हो गई की अधिकारी के ड्राइवर भी रिश्वत लेने लगे यह ताजा तरीन मामला दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की जडे कितनी मजबूत हो गई हैं हालांकि यह मामला सामने आने के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने तत्काल कार्यवाही करते हुए एसडीएम को हटा दिया और ड्राइवर को निलंबित कर दिया है यहां सवाल यह भी उठ रहा है कि ड्राइवर ने यह रिश्वत अपने आप ली थी या एसडीएम के इसारे पर क्योंकि एसडीएम की मर्जी के बिना ड्राइवर किसी काम के बदले यह सौदा कैसे कर सकता है यह भी जांच का विषय है और इसकी गंभीरता से जांच होनी भी चाहिएः प्रशासनिक स्तर पर रिश्वतखोरी का यह कोई पहला मामला नहीं है हर दो-चार दिन में इस तरह का कोई ना कोई मामला सामने आ जाता है जब किसी काम के बदले कोई अधिकारी बाबू पटवारी तहसीलदार या फिर कोई और रिश्वत लेने के मामले में लोकायुक्त की कार्यवाही का शिकार हो जाता है सरकार की लाख कोशिशें के बावजूद भी भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहाः यदि ड्राइवर द्वारा ली गई रिश्वत के मामले पर नजर डाली जाए तो पूरा मामला कुछ इस प्रकार से है बिना लाइसेंस धान का भंडारण किए जाने के मामले को रफा दफा करने के लिए एसडीएम शहपुरा नदीम शीरी के ड्राइवर सुनील पटेल के द्वारा तीन लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी जिसकी खबर लोकायुक्त के पास थी और मंगलवार को लोकायुक्त की टीम ने इस डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया अब इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार सरगम है और चर्चाओं में यह सवाल सामने आ रहा है कि ड्राइवर ने यह सब कुछ अपनी मर्जी से किया या फिर एसडीएम के इसारे पर अब तो वास्तविकता जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ पाएगी