भोपालमध्य प्रदेश

राज्य में सुशासन, कानून व्यवस्था, शिक्षा को मजबूत करने पर हुआ मंथन 

कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव ने किया संवाद 

राज्य में सुशासन, कानून व्यवस्था, शिक्षा को मजबूत करने पर हुआ मंथन 
– कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव ने किया संवाद 

भोपाल यशभारत। प्रदेश में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक सुदृढ़, पारदर्शी और परिणामोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से बुधवार को राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशनल सेंटर में कमिश्नर-कलेक्टर कॉन्फ्रेंस का दूसरा चरण आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के संभागायुक्त, जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। पहले सत्र में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और आयुक्त जनसंपर्क दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं और जनसंपर्क की अपेक्षाओं पर चर्चा की।

1759921487 WhatsApp Image 2025 10 08 at 14.41.38

 

शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रित रहा दूसरा सत्र 
कंाफ्रेंस का दूसरा सत्र शिक्षा क्षेत्र पर केंद्रित रहा। जिसमें प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य विभाग और आयुक्त राज्य शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुति दी गई। तीसरा सत्र ग्रामीण विकास और जनजातीय कार्यों से संबंधित होगा, जिसमें अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी तथा प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग भाग लेंगे।
तीसरे सत्र में रहेगा कानून व्यवस्था पर फोकस
कांफ्रेंस का तीसरा व अंतिम सत्र दोपहर ३ बजे के बाद रहेगा। जिसमें पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा सहित पुलिस अधिकारी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कलेक्टर व एसपी से चर्चा की जाएगी। इस दौरान जिलों में घटित होने वाले अपराधों की रोकथाम को लेकर भी चर्चा की जाएगी।

शिक्षा व्यवस्था और नवाचारों पर चर्चा
स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता सुधार, डिजिटल लर्निंग और ड्रॉपआउट दर कम करने जैसे मुद्दों पर विशेष चर्चा की गई। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए स्थानीय प्रशासन की भूमिका को और प्रभावी बनाने पर बल दिया गया। साथ ही, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर रणनीति
कॉन्फ्रेंस में जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जनजागरूकता बढ़ाने के लिए नई रणनीति पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि योजनाओं की जानकारी गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचे, इसके लिए प्रशासनिक अमले को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। कांफ्रेंस में मुख्य रूप से मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिया गया।

 समीक्षा और लक्ष्य निर्धारण
मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और जिलों के प्रदर्शन की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले को अपने क्षेत्रीय लक्ष्य निर्धारित कर अगले तीन महीनों में ठोस परिणाम देने होंगे। इस दौरान अधिकारियों को नवाचारों और बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा करने का भी अवसर मिला, जिससे एक जिले के सफल प्रयोग दूसरे जिलों में भी लागू किए जा सकें।

किस जिले का क्या रहा प्रदर्शन 
मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण   
बेहतर -बालाघाट, झाबुआ, मंदसौर, होशंगाबाद, शाजापुर
कमजोर – दमोह, अशोकनगर, सीधी, विदिशा, शिवपुरी
गैर संचारी रोग पर नियंत्रण
बेहतर – मंदसौर, शाजापुर, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल
कमजोर – सागर, छतरपुर, शिवपुरी, सिंगरौली, सीधी
जमीन का सीमांकन
बेहतर – मंडला, झाबुआ, बैतूल, सिवनी और सिंगरौली।
कमजोर – उमरिया, सीधी, अनूपपुर और मऊगंज।
बंटवारा केस
बेहतर – झाबुआ, बालाघाट, सिंगरौली, मंडला और बैतूल।
कमजोर – भोपाल, अनूपपुर, पन्ना, सीधी और टीकमगढ़।
नामांतरण
बेहतर – बैतूल, सिंगरौली, नीमच, हरदा और छिंदवाड़ा।
कमजोर – जबलपुर, अनूपपुर, रतलाम और पन्ना।
टीबी उन्मूलन
बेहतर – जबलपुर, मंदसौर, सीहोर, धार, बड़वानी
कमजोर – टीकमगढ़, मुरैना, छतरपुर, अशोकनगर, कटनी 6सिकल सेल
बेहतर – बालाघाट, बैतूल, झाबुआ, बड़वानी, धार
कमजोर – सीधी, आलीराजपुर, डिंडोरी, रतलाम, उमरिया
गौशाला संचालन
बेहतर – छतरपुर, अशोक नगर, गुना, धार और आगरमालवा।
कमजोर – शिवपुरी, उज्जैन, दतिया, सीधी और सतना।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button