वेटरनरी छात्रों का आंदोलन जायज, सीएम ने मेडिकल स्टूडेंटस के बराबर स्कॉलरशिप देने का ऐलान किया था
एक साल में घोषणा का पालन होना था 11 साल बीत गए, सिर्फ कागजी घोड़े दौड़े

जबलपुर, यशभारत। नानाजी देशमुख विश्वविद्यालय में यूजी छात्रों की स्टाय फंड बढ़ाने की मांग पर अनिश्चितकॉलीन धरना प्रदर्शन जारी है। विद्यार्थियों के आंदोलन से मप्र सरकार की पोल खुल गई है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साल 2012 में घोषणा करते हुए आदेश जारी कराए थे कि वेटरनरी विद्यार्थियों को मेडिकल छात्रों की तरह स्कॉलरशिप दी जाएगी। लेकिन हैरानी की बात है कि घोषणा और आदेश जारी हुए 11 साल बीत गए परंतु विद्यार्थियों को मेडिकल छात्रों की तरह स्कॉलरशिप नसीब नहीं हुई।
15 फरवरी 2012 को जारी हुआ लेटर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 11 जनवरी 2012 में एक घोषणा करते हुए कहा था कि वेटरनरी विवि में अध्यनरत यूजी के छात्रों को मेडिकल छात्रों की तरह स्कॉलरशिप दी जाएगी। सीएम की घोषणा को अधिकारियों ने तत्परता से लिया और तत्कालीन उपसचिव जेसी भटट ने वेटरनरी विवि को 15 फरवरी 2012 में एक आदेश जारी किया जिसमें वेटरनरी छात्रों की जानकारी मांगी विवि द्वारा संपूर्ण जानकारी भोपाल भेज दी लेकिन जानकारी के बाद मुख्यालय स्तर से क्या काम हुआ इसकी जानकारी विवि तक को नहीं है।
एक साल में समय सीमा रखी गई
तत्कालीन उपसचिव जेसी भटट द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक सीएम की घोषणा के बाद उसे पूरा करने का समय एक साल रखा गया लेकिन जानकर हैरानी होगी कि 11 साल बाद भी सीएम की घोषणा पूरी नहीं हो गई। इधर वेटनरी हॉस्पिटल के बाहर बैठे सैकड़ों छात्र छात्राओं ने अपना स्टायपण्ड बढ़ाने को लेकर जमकर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि हमारी हड़ताल इससे पहले भी 2020 में की गई थी उस समय भी सरकार की तरफ से आश्वाशन दिया था। छात्रों का कहना है कि हमारा स्टायपण्ड 2011 से आज तक सिर्फ 4600 रुपए मिल रहा है , उन्होंने कहा कि क्या 150 रुपए प्रतिदिन के भत्ते पर क्या कोई डाक्टर काम कर सकता है। इतना ही नही हमारी इंण्टरशिप 6 माह से बढ़ाकर 1 साल कर दी गई है , अब हर माह 4600 रुपए साल भर में 55000 रुपए होता है जबकि इससे चार गुना फीस शासन को हम दे चुके है।
डॉक्टर के पदों को बढ़ाया जाए
वेटनरी कालेज में पढऩे वाली छात्रा आकांक्षा अग्निहोत्री का कहना है कि डाक्टर के कुल पद अभी प्रदेश में 1671 है हम चाहते है कि इन्हें बढ़ाकर 2500 से किए जाए। हड़ताल पर बैठें पशु चिकित्सकों का कहना है कि हमारे प्रदेश की अपेक्षा अन्य राज्यों में स्टायपण्ड बहुत ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में प्रतिमाह 10 हजार की स्टायपण्ड मिल रही है, इसके अलावा राजस्थान में 14 हजार है जो कि टीए-डीए मिलाकर 20 हजार पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि आगामी समय में चुनाव भी है और अगर सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नही किया तो आने वाले चुनाव में हमारा असर देखने को भी मिलेगा।