रंगोली और कविता के प्रदर्शन से बहुआयामी बन गया साहित्यिक आयोजन
अतिथि साहित्यकारों का हुआ सम्मान

जबलपुर,यश भारत। म प्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के बहुआयामी साहित्यिक आयोजन क से ग स्थानीय कल्चरल स्ट्रीट ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम में लोकप्रिय नया कवि यश मालवीय (प्रयागराज) की रचनाओं ने जहां एक और श्रोताओं का मनमोह लिया वही विनोद पदरज(सवाई माधोपुर), यतीश कुमार (कोलकाता) , लोकनाथ (उमरिया), डॉ दीपक जायसवाल (दिल्ली), नवीन कानगो (सागर) … कवि बाबुषा कोहली (जबलपुर ) की कविताएं सामाजिक राजनीतिक एवं वैश्विक परिस्थितियों को रेखांकित कर रहीं थीं।
इस साहित्यिक संगोष्ठी में सुप्रसिद्ध कुंदन सिद्धार्थ ने कवि लोकनाथ की कृति खुरदुरे पत्थर एवं वरिष्ठ आलोचक डॉ निशा तिवारी ने कोलकाता से पधारे यतीश कुमार संस्मरण कृति ” बोरसी भर आंच ” समीक्षा की गई । ऑडिटोरियम परिसर में कविता पोस्टर साहित्य अनुरागीयों ने रुचि दिखाई।

अतिथि साहित्यकारों का सम्मान मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रांत प्रमुख पलाश सर्जन एवं जबलपुर जिला के प्रमुख श्री कुंदन द्वारा किया गया । कार्यक्रम का कुशल संचालन वक्ता कवि एवं संगठन विवेक चतुर्वेदी ने किया । जबकि कार्यक्रम के संयोजन में प्रशासनिक अधिकारी रोहित सिंह कौशल, पीयूष श्रीवास्तव, दविंदर सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, की भूमिका उल्लेख नहीं रही है। कार्यक्रम के प्रारंभ में दीप प्रज्जवलन एवं स्वर्गीय सीताराम सोनी, स्वर्गीय अरुण पांडे के मनपसंद जन गीतों की अलंकृति श्रीवास्तव आशुतोष दुबे, एवं साथियों द्वारा प्रस्तुत कर सभागार को भावुक कर दिया ।







