सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कफ सिरप से बच्चों की मौत की CBI जांच की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की कफ सिरप से बच्चों की मौत की CBI जांच की याचिका
भोपाल,यशभारत। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीली कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामलों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि राज्यों ने इस मामले में पहले ही गंभीर कदम उठाए हैं और दवा कानूनों को लागू करने की उचित व्यवस्था मौजूद है।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति उज्जल भूयान और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।
सॉलिसिटर जनरल ने किया विरोध
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता केवल अखबारों की खबरों के आधार पर सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने पीठ को बताया कि तमिलनाडु और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने इस मामले में कार्रवाई की है और इन कदमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों में दवा कानूनों को लागू करने की उचित व्यवस्था पहले से ही मौजूद है।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान पीठ ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से पूछा कि उन्होंने अब तक कितनी जनहित याचिकाएं दायर की हैं। आठ से दस ऐसी याचिकाएं दायर करने की जानकारी मिलने के बाद, पीठ ने याचिका को खारिज करने का फैसला किया।
याचिका में यह थी मांग
याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह दवा सुरक्षा और गुणवत्ता जांच प्रणाली में हुई चूकों का पता लगाए, जिनकी वजह से निम्न गुणवत्ता वाली दवाएं बाजार में पहुंचीं। इसमें यह भी आग्रह किया गया था कि बिक्री या निर्यात की अनुमति देने से पहले सभी संदिग्ध उत्पादों का एनएबीएल-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के माध्यम से विष विज्ञान परीक्षण अनिवार्य किया जाए।
23 बच्चों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि ‘कोल्ड्रिफ कफ सिरप’ से मध्य प्रदेश में अब तक 23 बच्चों की मौत की पुष्टि की गई है, जिनमें छिंदवाड़ा में 20 और बैतूल में दो मौतें शामिल हैं। वहीं, राजस्थान में भी तीन बच्चों की मौत इन्हीं कारणों से होना बताया जा रहा है। जांच में सामने आया है कि दवा पीने के बाद बच्चों की किडनी फेल हो गई थी।







