तो आखिर करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक कौन…?
रेल अधिकारियों के गले फांस बनी रहस्यमयी रेलवे लाइन

तो आखिर करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक कौन…?
रेल अधिकारियों के गले फांस बनी रहस्यमयी रेलवे लाइन
यशभारत लगातार उठा रहा है यह मुद्दा
मदन महल से टेलीकॉम फैक्ट्री तक बिछा पड़ा है वर्षों पुराना ट्रैक, जवाब किसी के पास नहीं
जबलपुर यशभारत । मदन महल रेलवे स्टेशन से लेकर टेलीकॉम फैक्ट्री तक बिछी पड़ी रहस्यमयी रेलवे लाइन अब रेल अधिकारियों के गले की फांस बन चुकी है। करोड़ों रुपये की इस संपत्ति का न तो कोई दावा करने वाला है और न ही इसका रखरखाव करने वाला। वर्षों से बिना उपयोग के पड़ी यह लाइन अब अतिक्रमण और जंग की चपेट में आ चुकी है। सवाल यह है कि आखिर इस संपत्ति का मालिक कौन है और इसे बिछाने के बाद इसका उपयोग क्यों नहीं किया गया?
धूल खा गई फाइल
वहीं इस संबंध में सूत्रों के अनुसार यह लाइन कई वर्ष पूर्व मदन महल से लेकर टेलीकॉम फैक्ट्री परिसर तक औद्योगिक उपयोग के लिए बिछाई गई थी। समय बीतने के साथ विभागीय फाइलें धूल खा गईं और अधिकारियों को भी इस संपत्ति की स्थिति की जानकारी नहीं है। रेलवे व टेलीकॉम फैक्ट्री के अधिकारियों से पूछने पर दोनों विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।
धीरे धीरे फैल रहा है अतिक्रमण
वहीं इस में जानकारों का कहना है कि लाइन के आसपास धीरे-धीरे अतिक्रमण फैल गया है। कई स्थानों पर पटरियाँ उखड़ चुकी हैं और जो बची हैं वे झाड़ियों में दब गई हैं। वहीं यशभारत इस मुद्दे को लगातार उठा रहा है कि आखिर इतनी बड़ी सार्वजनिक संपत्ति लावारिस क्यों पड़ी है? यदि इस लाइन का उपयोग नहीं होना है, तो इसे कबाड़ घोषित कर राजस्व अर्जित किया जाए ।
आखिर कब होगा उजागर
रेलवे सूत्रों का कहना है कि मामला अब उच्चस्तर पर भेजा गया है और संपत्ति के स्वामित्व की जांच शुरू की जा रही है। परंतु वर्षों से फाइलों में दबा यह मामला कब उजागर होगा, यह कहना फिलहाल मुश्किल है।







