झड़प और धरने के बाद नरम पड़े शिवराज, जीतू पटवारी को बंगले के अंदर बुलाकर किसानों के मुद्दे पर की चर्चा

झड़प और धरने के बाद नरम पड़े शिवराज, जीतू पटवारी को बंगले के अंदर बुलाकर किसानों के मुद्दे पर की चर्चा
भोपाल, यशभारत । केंद्रीय कृषि मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भोपाल स्थित सरकारी आवास के सामने आज उस समय हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की अगुवाई में बड़ी संख्या में किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम न मिलने और भावांतर योजना की विसंगतियों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया गया।
अनाज की बोरी सड़क पर उड़ेलकर जताया विरोध
प्रदर्शनकारियों को जब शिवराज सिंह चौहान के बंगले के अंदर नहीं जाने दिया गया, तो उन्होंने विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। जीतू पटवारी के साथ पहुंचे किसानों ने अपने साथ लाई गेहूं की बोरियों को सड़क पर ही उलट दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई, जिसमें एक अनाज की बोरी फटने से गेहूं सड़क पर बिखर गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिवराज सिंह चौहान के घर के बाहर जोरदार नारेबाजी की।

पुलिस से बार-बार हुई झड़प
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से पैदल मार्च शुरू करने के बाद ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की पूरी कोशिश की। रेड क्रॉस चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाई गई, और कई जगह वाहन खड़े कर रास्ता रोका गया, लेकिन जीतू पटवारी बार-बार पुलिस को चकमा देते हुए शिवराज के बंगले तक पहुंचने में कामयाब रहे। बंगले के बाहर कार्यकर्ताओं ने अंदर जाने की कोशिश की, जिससे पुलिस से उनकी झड़प हुई।
शिवराज खुद बाहर आए, पटवारी को अंदर ले गए
हालात बिगड़ते देख केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बंगले से बाहर निकले। उन्होंने प्रदर्शनकारी नेताओं को शांत किया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित चार-पांच अन्य नेताओं को किसानों की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए अपने आवास के अंदर लेकर गए।
किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान के साथ करीब डेढ़ दर्जन किसान पहले प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने भावांतर योजना और फसलों के सही दाम न मिलने को लेकर जीतू पटवारी से चर्चा की थी, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान से मिलने का फैसला लिया गया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान ने पहले भावांतर योजना के जरिए किसानों को ठगा और अब मध्य प्रदेश की वर्तमान सरकार भी उन्हें गुमराह कर रही है।







