रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का 35 वां दीक्षा समारोह:- हमारा देश प्राचीनकाल से ही आध्यात्मिक ज्ञान एवं दर्शन का गुरु रहा: राज्यपाल

रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का 35 वां दीक्षा समारोह, कु. अंजली को मिले 7 स्वर्ण पदक
जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में उपाधि और पदक धारियों को, दीक्षांत समारोह में 1 डी लिट्, 95 शोध उपाधि एवं 82 स्वर्ण पदक दिये गए। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का 35वाँ दीक्षा समारोह मध्यप्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता व
वर्चुअल माध्यम से जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में आज आयोजित किया गया। इस दीक्षांत समारोह में कु. अंजली श्रीवास्तव को एमए, एमकॉम, एमएससी व एमएचएससी परीक्षाओं के सर्वाधिक कुल 7 स्वर्ण पदक दिए गए। कु. अनुज्ञा सिंह को 5 स्वर्ण पदक, कु. मानसी सीरवानी को 5 स्वर्ण पदक और कु. विनीता तिवारी को 4 स्वर्ण पदक दिए गए। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल ने कहा कि यह अत्यंत गौरव का विषय है कि वीरांगना रानी दुर्गावती के 500वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित 35वें दीक्षांत समारोह में जिन छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक और शोधार्थियों को उपाधियां दी गई है वे विभिन्न क्षेत्रों में नामवर होंगे, इसी शुभकामना के साथ बधाई। दीक्षांत एक सुअवसर है, जिसके साथ आजीविका के क्षेत्र में उतरने का मार्ग प्रशस्त होता है। विश्वविद्यालय की उपाधि अर्जित करके प्रत्येक छात्र-छात्राएं जीवन में प्रगति-पथ पर नव प्रतिमान दर्ज करने की दिशा में गतिमान होने को स्वतंत्र होते हैं। अतएव प्रत्येक अलंकृत छात्र-छात्रा के लिए आज का दिन अविस्मरणीय होता है।
शिक्षण संस्थान एवं विश्वविद्यालय समाज की बौद्धिक संपदा के संवाहक होते हैं। यहीं से समाज की श्रेष्ठता एवं ऊर्जा निर्मित होती है। यहां से सुशिक्षित होने वाले विद्यार्थी अपने ज्ञान से समाज को न केवल दिशा प्रदान करते हैं अपितु नैतिक मूल्यों से उसको नियंत्रित करने की भी क्षमता रखते हैं। हमारा देश प्राचीनकाल से ही आध्यात्मिक ज्ञान एवं दर्शन का गुरु रहा है। यहां पर विश्व के प्राचीनतम् विश्वविद्यालय तक्षशिला एवं नालंदा प्रतिष्ठित थे और दुनियाभर से आने वाले विद्यार्थियों व जिज्ञासुओं को शिक्षा प्रदान करते थे। इस महान देश में आज भी यह परंपरा चली आ रही है। यहां के प्रतिभाशाली विद्यार्थी न केवल भारत में विविध क्षेत्रों में समाज की सेवा कर रहे हैं अपितु विदेश में भी जाकर अपने ज्ञान और विज्ञान से देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। शिक्षा जैसे गंभीर और महत्वपूर्ण दायित्व को निष्पादित करने वाली संस्थाएं-अर्थात हमारे विश्वविद्यालय ज्ञान के पवित्र मंदिर हैं। मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव , रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र , कुलसचिव डॉ. दीपेश मिश्रा , कार्यपरिषद के सभी सदस्यगण, सभी संकायाध्यक्षगण, अतिथिगण, अध्यापकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, मीडिया के प्रतिनिधिगण एवं प्रिय छात्र-छात्राएं।