गर्भवती को झोली से एंबुलेंस तक पहुंचाया, 5 किमी तक कंधे पर लेकर चले परिजन, हॉस्पिटल पहुंचने के पहले ही डिलीवरी
बड़वानी जिले से एक गर्भवती महिला को उसके परिजन कंधों पर लटकाकर 5 किलोमीटर दूर एम्बुलेंस तक ले गए। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। मामला पानसेमल विकासखंड के ग्राम खाम घाट का है। गांव में सड़क नहीं होने से बीमार लोगों को ऐसे ही ले जाना पड़ता है।
सड़क नहीं होने से एम्बुलेंस भी गांव में नहीं आ पाती। वह 5 किलोमीटर दूर ही खड़ी होती है। इसके बाद ही उसे अस्पताल ले जाया जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं और मरीजों को कंधों पर बांस और कपड़े के सहारे बांधकर लटकाकर लाना होता है।
मामला रिंगा बाई(27) का है। गांव में रहने वाली रिंगाबाई को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस को फोन लगाया लेकिन रास्ता खराब होने और नाले में पानी आने से एंबुलेंस प्रसूता के घर नहीं पहुंच पाई, जिसके चलते मजबूरी वश उसे झोली में लेकर एंबुलेंस तक पहुंचे। लेकिन एंबुलेंस से अस्पताल ले पर महिला का रास्ते में ही प्रसव हो गया।
परिजन रायसिंह ने बताया कि प्रसव के बाद उसे पानसेमल के अस्पताल पहुंचाया। शनिवार को उसे वहीं रखा गया, उसकी हालत खराब होने पर रविवार को डॉक्टर ने उसे बड़वानी जिला अस्पताल रैफर कर दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पानसेमल के डॉक्टर अमृत बमनके के अनुसार महिला को जब यहां लगाया गया था उसकी हालत खराब थी, उसे एक दिन ऑब्जर्वेशन में रखा गया, लेकिन महिला के एनिमिक होने की वजह से उसे बड़वानी जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बहरहाल जच्चा और बच्चा दोनों अभी बड़वानी जिला अस्पताल में भर्ती है और स्वस्थ्य हैं।
कई बार लगा चुके गुहार
महिला के परिजनों का कहना है कि कई बार बारिश के दिनों में नालों में पानी ज्यादा होने से घंटों पानी उतरने का इंतजार भी करना पड़ता है। कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से सड़क व पुलिया बनाने की गुहार कर चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। और कोई रास्ता नहीं होने की वजह से छोटे बच्चों को स्कूल या आंगनवाड़ी इसे रास्ते से जाना पड़ता है। इससे जान का खतरा भी बना रहता है।