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नौकरी के नाम पर ठगी: छिंदवाड़ा की महिला से ढाई लाख ऐंठे, रेलवे अस्पताल में मेडिकल,

DRM ऑफिस में ट्रेनिंग भी कराई

कोटा/जबलपुर: पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में नौकरी दिलाने के नाम पर एक चौंकाने वाला ठगी का मामला सामने आया है। छिंदवाड़ा की आरती नामक महिला से आरोपियों ने ढाई लाख रुपए ठग लिए। हैरानी की बात यह है कि ठगों ने महिला का रेलवे अस्पताल में मेडिकल परीक्षण तक कराया और डीआरएम ऑफिस में सात दिन की ट्रेनिंग भी दिलवाई।

आरती की रिपोर्ट के अनुसार, उसे एक कॉल लेटर मिला जिसके बाद वह नौकरी के झांसे में आ गई। कोटा बुलाकर डीआरएम ऑफिस में उसकी फर्जी परीक्षा ली गई, फिर रेलवे अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद डीआरएम ऑफिस में ही उसे सात दिन की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान आरोपियों ने जल्द नौकरी का लालच देकर उससे ढाई लाख रुपए वसूल लिए। पोस्टिंग लेटर का इंतजार करती रही आरती को जब ठगी का एहसास हुआ तो उसने कोटा जीआरपी में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

DRM ऑफिस में शिनाख्त परेड से हड़कंप:

रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जीआरपी ने आरती को साथ लेकर डीआरएम ऑफिस पहुंची और उन जगहों की पहचान कराई जहां उसकी परीक्षा और ट्रेनिंग हुई थी। पुलिस की इस कार्रवाई से डीआरएम ऑफिस में हड़कंप मच गया। जीआरपी ने रेलवे अस्पताल में भी जांच की और मेडिकल कराने वाली जगह व कर्मचारियों की पहचान कराई।

मुख्यालय अधिकारी के हस्ताक्षर वाला कॉल लेटर:

आरती को मिले कॉल लेटर में पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर मुख्यालय के एक बड़े अधिकारी के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं, जो नकली हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इसी अधिकारी का नाम पहले भी डमी कैंडिडेट के नौकरी लगने के मामले में सामने आया था।

बड़े रैकेट का शक, पहले भी सामने आ चुका है ऐसा मामला:

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कई और लोग भी ठगी का शिकार हो सकते हैं। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह पूरा गोरखधंधा किसी बड़े रैकेट द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें रेलवे के कुछ बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं, क्योंकि डीआरएम ऑफिस जैसे संवेदनशील स्थान पर फर्जी ट्रेनिंग और परीक्षा बिना किसी जानकारी के करा लेना संभव नहीं लगता। यह भी उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल में फर्जी भर्ती का यह एक साल में दूसरा मामला है। इससे पहले डमी कैंडिडेट के जरिए दो महिलाओं की नौकरी लगने का मामला सामने आया था, जिसमें रेलवे ने कार्रवाई भी की थी।

कोटा जीआरपी के पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है और पूरी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी।

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