जनता पूछ रही सवाल – क्या रेलवे सिर्फ कागजों पर करता है विकास?
डिजाइन का बहाना, टेंडर का हवाला… रेलवे की सुस्त चाल पर उठे सवाल

जनता पूछ रही सवाल – क्या रेलवे सिर्फ कागजों पर करता है विकास?
डिजाइन का बहाना, टेंडर का हवाला… रेलवे की सुस्त चाल पर उठे सवाल
रेलवे बजट को बीते 7 महीने अब तक नहीं शुरू हो पाया काम
जबलपुर यशभारत ।पश्चिम मध्य रेलवे को विकास कार्यों के लिए 11 हजार करोड़ का भारी-भरकम बजट मिल चुका है, लेकिन कामकाज की रफ्तार पकड़ने से पहले अफसरशाही में मंथन का दौर जारी है। संबंधित विभाग डिजाइन और ड्रॉइंग का हवाला देकर परियोजनाओं को टाल रहे हैं। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट कागजों पर अटके हैं और जिम्मेदार अधिकारी अब तक अमल की ठोस रूपरेखा नहीं पेश कर पाए हैं।
बजट का लाभ फिलहाल धरातल पर नजर नहीं
रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधाओं का भरोसा तो दिला रहा है, मगर बजट का लाभ फिलहाल धरातल पर नजर नहीं आ रहा है। बता दें कि उक्त बजट में पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर रेल मंडल सहित भोपाल एवं कोटा मंडल शामिल हैं। जिसमें यह राशि खर्च की जाएगी।
कागजों में सिमटी योजनाएं
उल्लेखनीय है कि रेलवे का बजट आए पूरे सात महीने गुजर चुके हैं, लेकिन घोषणाओं में शामिल परियोजनाओं पर धरातल पर काम शुरू नहीं हो सका है। करोड़ों रुपए की योजनाएं केवल कागजों में सिमटकर रह गई हैं।
डिजाइन तैयार हो रही
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी और फिर काम की शुरुआत संभव हो सकेगी।लंबे इंतजार से लोगों में नाराजगी है। जनता का कहना है कि हर बार जिम्मेदारी टालने का सिलसिला चलता रहता है। बजट में परियोजना की घोषणा तो कर दी जाती है, लेकिन काम शुरू करने में महीनों नहीं, बल्कि सालों लग जाते हैं। सवाल यह भी है कि जब तक डिजाइन और टेंडर की प्रक्रिया पूरी होगी, तब तक नए बजट का समय आ जाएगा। ऐसे में घोषणाओं का हश्र फिर कागजी खानापूर्ति तक सीमित रह सकता है।
तकनीकी जांच व डिजाइन की प्रक्रिया जरूरी
वहीं इस संबंध में रेलवे अधिकारियों के मुताबिक काम शुरू करने से पहले तकनीकी जांच और डिजाइन की प्रक्रिया जरूरी है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि यह बहाना बनाकर केवल समय गंवाया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि कब तक जनता को वास्तविक कामकाज का नजारा देखने को मिलेगा।







